भारत के खिलाफ आनलाइन फैलाए जा रहे झूठ को लेकर सरकार सख्त
- भारत विरोधी गतिविधियों और दुष्प्रचार पर गहरी नजर रखने के लिए गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के अधिकारियों की एक विशेष अंतर-मंत्रालयी टीम गठित की गई है।

नई दिल्ली: भारत के खिलाफ ऑनलाइन फैलाए जा रहे ‘झूठ’ को लेकर केंद्र सरकार सख्त हो गई है। भारत विरोधी गतिविधियों और दुष्प्रचार पर गहरी नजर रखने के लिए गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के अधिकारियों की एक विशेष अंतर-मंत्रालयी टीम गठित की गई है। यह टीम खास तौर पर भारतीय और विदेशी डिजिटल मीडिया पर पहलगाम आतंकी हमले से जुड़ी सामग्री और ऑनलाइन गतिविधियों की बारीकी से जांच करेगी।
एक अधिकारी ने कहा, “टीम उन लोगों की पहचान करेगी जो भारत सरकार और उसकी सेनाओं की नकारात्मक छवि पेश करते हैं तथा मनगढ़ंत और झूठे प्रचार में लिप्त हैं। अंतर मंत्रालयी टीम गठित करने का सुझाव गृह मंत्रालय ने दिया था’।
ऐसी टीम बनाने की जरूरत क्यों पड़ीः इस टीम का गठन तब किया गया जब यह पाया गया कि कई विदेशी यूट्यूब चैनल और सोशल मीडिया हैंडल, पहलगाम हमले के बाद फर्जी खबरें प्रसारित कर रहे हैं और नकारात्मक प्रचार कर रहे हैं। गृह मंत्रालय को मिली खुफिया जानकारी के अनुसार, पाकिस्तान की खुफिया सेवा (आईएसआई) ने पहलगाम नरसंहार को लेकर भारत के खिलाफ झूठा प्रचार करने के लिए एक पूरी टीम को सक्रिय कर दिया है।
चीन से आईएसआई को मददः एक खुफिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए अधिकारी ने कहा कि चीन स्थित साइबर हैंडलर भी आईएसआई की मदद कर रहे हैं। अधिकारी की मानें तो ‘देश के अंदर भी कई ताकतें हैं जो सोशल मीडिया के जरिए झूठी सूचना फैलाने की कोशिश कर रही हैं। दरअसल, राज्य भर में कई लोग भारत विरोधी पोस्ट में शामिल पाए गए हैं और उन्हें सुरक्षा एजेंसियों ने गिरफ़्तार भी किया है।’
भ्रामक पोस्ट पर गिरफ्तारीः असम पुलिस ने हाल ही में फेसबुक सहित सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से पहलगाम आतंकवादी हमले का समर्थन करने के लिए कुछ महिलाओं और एक मौजूदा विधायक सहित कई लोगों को गिरफ्तार किया है। सरकार ने आधार सेवा केंद्र (एएसके) में कथित तौर पर चल रही संदिग्ध गतिविधियों के खिलाफ भी कार्रवाई शुरू कर दी है। सुरक्षा एजेंसियों ने लखनऊ में एएसके के संदिग्ध संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की है।