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राजकीय और निजी अस्पतालों में आईसीयू सेवाओं को लेकर सरकार की गंभीर पहल

देहरादून: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में उत्तराखण्ड सरकार ने राजकीय और निजी अस्पतालों में आईसीयू सेवाओं को लेकर गंभीर पहल शुरू की है। उत्तराखण्ड स्वास्थ्य विभाग ने राज्य के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों के विशेषज्ञों के साथ मिलकर आईसीयू संचालन के मानक और गुणवत्ता सुधार के लिए विस्तृत सुझाव तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

आईसीयू संचालन से संबंधित वर्तमान गाइडलाइन को और प्रभावी बनाने के लिए स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार की अध्यक्षता में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन सभागार में महत्वपूर्ण कार्यशाला आयोजित की गई। इस दौरान प्रदेश के राजकीय और निजी मेडिकल कॉलेजों व चिकित्सालयों के विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा आईसीयू के मानकों पर विस्तार से चर्चा की गई। इस कार्यशाला से प्राप्त सुझावों को संकलित कर सुप्रीम कोर्ट को भेजा जाएगा।

स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय ने सभी राज्यों से आईसीयू संचालन से संबंधित वर्तमान गाइडलाइन को और प्रभावी बनाने के लिए सुझाव मांगे हैं। इसी क्रम में स्वास्थ्य महानिदेशालय में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें प्रदेश के राजकीय और निजी मेडिकल कॉलेजों व चिकित्सालयों के विशेषज्ञ चिकित्सकों ने आईसीयू सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए।

इस कार्यशाला में स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. सुनीता टम्टा, डॉ. शिखा जंगपांगी, डॉ. अजय आर्या, डॉ. आर.सी. पंत (निदेशक), डॉ. अमलेश कुमार सिंह (सहायक निदेशक), डॉ. लोकेश सैनी (एम्स ऋषिकेश), डॉ. रोहिताश शर्मा (महंत हॉस्पिटल), डॉ. अतुल कुमार (ग्राफिक एरा हॉस्पिटल), डॉ. नावेद (सुभारती), डॉ. सोनिका (हिमालयन हॉस्पिटल), डॉ. अशोक (साईं हॉस्पिटल), डॉ. संदीप (मेट्रो हॉस्पिटल), डॉ. ऋषि सोलंकी (केवीआर), डॉ. गुरविंदर सिंह (सहोता हॉस्पिटल), डॉ. राहुल (अल्ट्रस हेल्थकेयर), डॉ. आकाश (मैक्स हॉस्पिटल) सहित विभिन्न संस्थानों के विशेषज्ञ चिकित्सक उपस्थित रहे।

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