#uttarakhand newsउत्तराखंडकाम की खबरधरोहरपर्यावरण बचाओसरोकारसंस्कृतिसामाजिक संगठन

हरियाली से खुशहाली के ध्येय वाक्य के साथ हरेला का समापन

-संस्कृति विभाग के सभागार में समापन समारोह में जुटे लोगों ने लिया पर्यावरण संरक्षण का संकल्प, धाद की सांस्कृतिक टीम की ढोल दमाऊ की धुन पर रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुति से सभी का मन मोहा

देहरादून: पर्यावरण, संस्कृति और पर्वतीय किसानों को एकजुट कर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त करने का कार्य कर रही धाद संस्था की ओर से एक महीने तक चले “हरेला अभियान” का हरियाली से खुशहाली के ध्येय वाक्य के साथ समापन हुआ। वक्ताओं ने जहां एक महीने तक चले पौधरोपण, जागरूकता अभियान और स्कूली छात्र-छात्राओं के लिए आयोजित प्रतियोगिता पर चर्चा की वहीं सभी ने एकजुटता के साथ पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लेते हुए अन्य लोगों को भी जागरूक करने की बात कही। इस दौरान सांस्कृतिक टीम ने ढोल दमाऊ की धुन पर रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुति से सभी का मन मोहा।
बीते 16 जुलाई से चले अभियान का शनिवार शाम को संस्कृति विभाग के हरिद्वार बाइपास स्थित सभागार में रंगारंग समापन हुआ। नीना रावत ने अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने बताया कि हरेला के अंतर्गत इस वर्ष हमने जन सहयोग से 205 पौधे विभिन्न वनों में रोपे। धाद की ओर से जन सहयोग से स्मृति वन, बाल वन, पुष्प वन, मित्र वन, जीव वन आदि वनों की कड़ी में अपनी अनूठी पहल के साथ मालदेवता रोड पर स्थित स्मृति वन एक मिसाल के तौर पर विकसित हो रहा है। जहां आप अपने प्रियजनों की यादों को पेड़ों के रूप में संरक्षित कर सकते हैं। विभिन्न प्रजातियों के 350 के करीब पेड़ों से भरा ये वन अनेक लोगों की भावनाओं को समेटे हुए इस धरती को हरियाली से लबरेज कर रहा है। कार्यकम में हिमांशु ने हरेला वन की टीम को मंच पर बुलाकर स्मृतिवन से बीरेंद्र खंडूरी,बालवन से मेज. महावीर रावत, पुष्पवन से सुरेश कुकरेती, मातृ वन से सुशील पुरोहित, शांति विहार से जेके सिंह, दत्ता एनक्लेव से विकास मित्तल, हरेला का कोना से आशा डोभाल, युवा साथी से अनिमेष गुप्ता और शुभम के कार्यों को सराहा।
हरा भरा हो गांव इसलिए आर्थिकी को आगे बढ़ाने का काम-
हरेला गांव के संयोजक हरीश डोबरियाल ने बताया कि हरेला गांव एक कल्पना और विचार है। जिसका उद्देश्य हमारे गांवों को हरा भरा करने, वहां की जीविका, आर्थिकी को समर्थन देने और आगे बढ़ाने के लिए काम करना है। सभी के सहयोग से इस कार्य को गति भी मिल रही है। धाद का यह अध्याय एक अहम भूमिका निभाने की कोशिश में लगातार प्रयास कर रहा है। बताया कि इस वर्ष राज्य के गांवों की आर्थिकी में सहयोग के लिए 4085 नींबू प्रजाति के पौधे जनसहयोग से औद्यानिकी के लिए भेंट भी किए। पिछले डेढ़ साल की इस यात्रा में एक-एक कर नए पड़ाव जुड़ते जा रहे हैं। जिसमें किसानों से संवाद, खेती और बागवानी से संबंधित प्रशिक्षण, सरकार से विचार-विमर्श, गांवों के उत्पाद को बाजार दिलाने, गांवों में जाकर मंथन, हरेला उद्यान बनाना जिसमें जो किसान साथी खेती, बागवानी कुछ करना चाहते हैं उनको आर्थिकी ओर जानकारी देने में मदद देना आदि शामिल है।
हरेला वन के यात्री और हरेला उद्यान के विशिष्ट साथ हुए सम्मानित
कार्यक्रम के समापन पर हरेला यात्रा में लगातार शामल होने वाले हरेला वन के यात्रियों को सम्मानित किया गया। सम्मानित हाेने वालों में रजत उपाध्याय, कौमुदी सुन्द्रियाल, श्रेया बड़थ्वाल, मातृवन, शांति विहार जन कल्याण समिति, दत्ता एन्केल्व समिति आदि रहे। इसके अलावा हरेला उद्यान कार्यक्रम के अंतर्गत हरेला उद्यान नायक के रूप में पवन बिष्ट और देवेंद्र नेगी को भी नवाजा गया। 100 से अधिक पौधे समर्पित करने वाले हरेला उद्यान के विशिष्ट साथी उत्तरायणी संस्था, मुदित मिश्रा, सरस्वती विहार विकास समिति, शास्त्री नगर जन कल्याण समिति, डीडीआईइयु, हिमांशु अवस्थी, संजीव शर्मा, मुकेश पांथरी, डा. जयंत नवानी, प्रोफेसर एमसी सती को भी सम्मानित किया।

सांस्कृतिक टीम ने उत्तराखंड की संस्कृति की बिखेरी झलक
कार्यक्रम में शांति बिंजोला एवं उनकी सांस्कृतिक टीम ने हरेला गीतों से कार्यक्रम में उत्तराखंड की संस्कृति की झलक बिखेरी। नृत्य और गीत ने हर किसी किसी के मन में उत्तराखंड को हरा भरा बनाना भर दिया। अंबिका उनियाल, मंजू पंवार, शर्मिला उनियाल, सौम्या बिष्ट, रूपाली बिष्ट, जाहन्वी बिष्ट ने नृत्य की प्रस्तुति, रक्षा बौडाई, निलिमा धूलिया, सुनीता बहुगुणा, हेमलता उनियाल, सरिता मैंदोलिया, शांति अमोली बिंजोला ने गीतों की भी प्रस्तुति दी। विजय प्रकाश की-बोर्ड, चंद्राश बिंजोला तबला, दिव्यांश सिमल्टी क्लैप बाक्स ने टीम का साथ दिया।

उत्पादकता से ही संपदा निर्माण, समृद्धि और खुशहाली के निकलेंगे-
धाद के अध्यक्ष लोकेश नवानी ने कहा कि उत्तराखंड हिमालय का कोई पहला, बड़ा और बुनियादी सवाल है तो वह उत्पादकता है। उत्पादकता से ही संपदा निर्माण, समृद्धि और खुशहाली के निकलेंगे और समाज की धनोर्पार्जन और क्रयशक्ति की क्षमता का विकास और जीवनस्तर में सुधार होगा। उन्होंने बताया कि एक महीने तक इस अभियान में सभी का सहयोग रहा। आगे भी अधिक से अधिक लोग अभियान में जुड़े इसके लिए धाद के विभिन्न कार्यक्रमों को गांव गांव तक पहुंचाना होगा।
इस अवसर पर बीरेंद्र खंडूरी, मेज महावीर रावत, सुरेश कुकरेती, सुशील पुरोहित, जे के सिंह, विकास मित्तल, आशा डोभाल, अनिमेष गुप्ता, शुभम शर्मा, हर्षमणि व्यास, विजय भट्ट, विजय जुयाल, डी सी नौटियाल, गणेश उनियाल, विनोद धस्माना, तन्मय ममगाईं, हिमांशु आहूजा, पवन बिष्ट, देवेन्द्र नेगी, मीरा रतूड़ी, एके मेहता, सुशीला गुसाईं, संजय भार्गव, आशीष गर्ग, राकेश अग्रवाल, रेखा चौहान, कनक लता, पुष्पा रावत, कांता घिल्डियाल, सविता जोशी, आराधना सिंह, पूनम भटनागर, उत्तम सिंह रावत, विनय आनंद बौड़ाई, कपिल डोभाल, रेखा ज्ञउनियाल, राकेश उनियाल, सरोज नौटियाल, मनीषा ममगाईं, उषा गुप्ता, डॉ. समृद्धि नौटियाल आदि उपस्थित रहे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button