
देहरादून/रुद्रप्रयाग: प्रदेश में मौसम का मिजाज बदलने से कड़ाके की ठंड पड़ रही है. पर्वतीय क्षेत्रों के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी का दौर जारी है। बर्फबारी के कारण तापमान में भारी गिरावट आ गई है। हिमायली क्षेत्रों में हो रही बर्फबारी के कारण निचले क्षेत्रों में भी बारिश होने लगी है। केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में सोमवार को बर्फबारी हुई। बर्फबारी के कारण केदारनाथ धाम में चल रहे पुनर्निर्माण कार्य भी प्रभावित हो गये हैं। फिलहाल, यहां सीमेंट से होने वाले कार्य बंद कर दिये गये हैं।
मौसम विभाग की भविष्यवाणी के अनुसार सोमवार सुबह से ही मौसम खराब रहा।हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी तो निचले क्षेत्रों में बारिश होती रही, जिस कारण ठंड भी अधिक बढ़ गई। केदारनाथ धाम की बात करें तो यहां इस सीजन की दूसरी बर्फबारी हुई है. बर्फबारी के कारण धाम में अधिक ठंड बढ़ गई है। धाम में अभी तक लगभग चार इंच तक बर्फ जम चुकी है, जिसके कारण यहां चल रहे पुननिर्माण कार्य भी प्रभावित हुये हैं। यहां अभी भी दो सौ मजदूर कार्य कर रहे हैं, अगर बर्फबारी लगातार होती रही तो कार्य बंद हो जाएंगे, जिसके बाद मजदूर वापस लौट आएंगे।
लोनिवि गुप्तकाशी के अधिशासी अभियंता विनय झिंक्वाण ने बताया केदारनाथ धाम में बर्फबारी हो रही है, जिसके कारण सीमेंट वर्क भी बंद कर दिा गया है। उन्होंने बताया बर्फ को पिघलाकर मजदूर और कर्मचारी पानी के उपयोग में ला रहे हैं। धाम में अगर बर्फबारी जारी रही तो निर्माण कार्य करना मुश्किल हो जाएगा।
27 दिसंबर के बाद फिर बदलेगा मौसम:मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून के निदेशक विक्रम सिंह के अनुसार उत्तरकाशी, चमोली, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग बागेश्वर के अनेक इलाकों में बर्फबारी देखने को मिलेगी, लेकिन मैदानी क्षेत्रों में आइसोलेटेड टाइप एक्टिविटी के आसार हैं। मौसम विभाग के मुताबिक वेदर में बदलाव होने से उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में बर्फ की चादर मिलने से क्रिसमस की छुट्टियां मनाने आए सैलानी बर्फबारी का लुत्फ उठा सकते हैं। इसके अलावा स्नोफॉल एक्टिविटी के बाद बर्फ मेल्ट होने में समय लगेगा। इसके बाद 27 और 28 तारीख को प्रदेश के मौसम में फिर बदलाव होने जा रहा है।