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उत्तराखंड में भी बुधवार को बजेगा ‘जंगी सायरन’ और फिर होगा ब्लैक ऑउट

- केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश के बाद देशभर में 7 मई को मॉक ड्रिल की जा रही आयोजित, देहरादून जिला प्रशासन की ओर से मॉक ड्रिल को लेकर सभी तैयारियां की गई पूरी

देहरादून: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के बाद से ही भारत सरकार काफी एक्टिव नजर आ रही है। पीएम नरेंद्र मोदी की हामी के बाद भारत ने सिंधु समझौता कैंसिल करने के साथ ही पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम भी उठाए हैं। भारत-पाकिस्तान के बॉर्डर पर भारी फोर्स भी तैनात किया गया है।
इसी के बीच, केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देशों के बाद बुधवार को मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में 7 मई को मॉक ड्रिल का आयोजन होगा। धामी सरकार की ओर से मॉक ड्रिल पर सभी तैयारियां पूरी कर ली गईं हैं। आपको बता दें कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव का माहौल बना हुआ है। देशभर के 30 से ज्यादा राज्यों के 224 जिलों और केंद्र शासित प्रदेशों को शामिल किया गया है। मॉक ड्रिल में देश के कुछ जिलों को अतिसंवेदनशील कैटेगरी में भी शामिल किया गया है।
अतिसंवेदनशील कैटेगरी में वो जिले शामिल हैं जो पाकिस्तान बॉर्डर के पास स्थित हैं। विदित हो कि जम्मू-कश्मीर में पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की ओर से पाकिस्तान के खिलाफ सख्त ऐक्शन लिया जा रहा है।
मॉक ड्रिल में क्या होता है खास?
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में बुधवार 7 मई को मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी। मॉक ड्रिल में तय समय पर एक जोरदार सायरन बजेगा जिसके बाद पूरी तरह से ब्लैआउट लागू हो जाएगा। सरकारी के विभागों के बीच बेहतर तालमेल पर विशेषतौर से ध्यान दिया जाएगा। मॉक ड्रिल में देहरादून जिला प्रशासन, पुलिस, आपदा प्रबंधन विभाग, स्वास्थ्य, फायर सर्विस आदि विभागों के कर्मचारी शामिल होंगे।
इसी के साथ ही एनसीसी कैडेटों और सिविल डिफेंस व एनएसएस के स्वयंसेवकों को भी शामिल किया जाएगा। इसके अलावा, आपदा की स्थिति में रेस्क्यू ऑपरेशन को भी बारीकी से परखा जाएगा ताकि आपात स्थिति में रिस्पांस टाइम को कम किया जा सके।

जानिए क्या होता है ब्लैकआउट
7 मई को होने वाली मॉक ड्रिल में देहरादून में ब्लैकआउट होगा। सायरन बजने के बाद ब्लैकआउट में घरों, ऑफिसों में लाइट को पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा। इसी के साथ ही लोगों से अपील की जाएगी वह मोबाइल फोन की लाइट भी न जलाएं।
ब्लैकआउट के समय पूरी तरह से शांति बनाई रखनी होगी। ड्रिल के दौरान सुरक्षित स्थान का चयन कर उसमें रहने का प्रयास किया जाएगा ताकि आपात स्थिति में किसी जानमाल का नुकसान न हो सके।

तीनों सेनाएं तैयार
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान की ओर से अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर सेना की मूवमेंट को बढ़ा दिया है। बॉर्डर पर भारतीय सेना के अतिरिक्त जवानों को भेजा गया तो दूसरी ओर, भारतीय वायुसेना और नौसेना भी अलर्ट मोड पर है।
सेना की ओर से बॉर्डर विशेष निगरानी के साथ ही अलर्ट जारी किया गया है। इसी के साथ ही जम्मू-कश्मीर के संवेदनशील और अति संवेनदशील इलाकों में सेना ने गश्त बढ़ा दी है। सेना और पुलिस फोर्स के जवानों की ओर से आतंकियों को ढूंढने के लिए सर्च ऑपरेशन भी चलाया जा रहा है।

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