साहित्य
ग़ज़ल
- ग़ज़ल
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मैं जरा घबरा गया था आइने को देखकर।
याद वो जब आ गया था आइने को देखकर।आइने का हाल क्या था क्या बताएं हम तुम्हें।
आइना शरमा गया था आइने को देखकर।। - हादसा ऐसा हुआ इक हादसा भी डर गया।
- बाप वो पथरा गया था आइने को देखकर।।
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बात क्या थी हम न समझे हम खड़े देखा किए।
वो पलट कर आ गया था आइने को देखकर।।आइना हैरान था क्या आइने से पूछते।
कुछ समझ तो आ गया था आइने को देखकर।।दर्द गढ़वाली, देहरादून
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