अजब-गजबउत्तराखंडमुशायरा/कवि सम्मेलनसाहित्य

कवियों के टेंडर होना दुर्भाग्यपूर्ण: धस्माना 

-अखबारों के बाद अब सियासी गलियारों में भी चर्चा का विषय बना कवियों के टेंडर का मामला, श्रीनगर गढ़वाल नगर निगम ने मांगे हैं कवि सम्मेलन के लिए टेंडर, बैकुंठ चतुर्दशी मेले के अंतर्गत 17 नवंबर को प्रस्तावित है कवि सम्मेलन 

देहरादून: उत्तराखंड में कवि सम्मेलन के लिए टेंडर आमंत्रित किए जाने का मामला अख़बारों की सुर्खियां बनने के बाद अब सियासी गलियारों में भी चर्चा का विषय बना हुआ है। इस मामले में बुधवार को प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने मीडिया से बातचीत करते हुए सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। कहा कि यदि सरकार कवियों के भी टेंडर करेगी, तो इस प्रदेश का भगवान ही मालिक है।

   गौरतलब है कि श्रीनगर गढ़वाल में 14 नवंबर से 20 नवंबर तक बैकुंठ चतुर्दशी एवं विकास प्रदर्शनी मेले का आयोजन किया गया है। इसमें स्टालों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अलावा कवि सम्मेलन के लिए भी टेंडर आमंत्रित किया गया है। कवियों के टेंडर मांगा जाना चर्चा का विषय बना हुआ है। पहले तो यह मामला कुछ समाचार पत्रों और न्यूज़ पोर्टल में आया, लेकिन अब यह सियासी गलियारों में भी पहुंच गया है। कांग्रेस नेता सूर्यकांत धस्माना ने तो बुधवार को पत्रकार वार्ता में कवियों के टेंडर मांगे जाने पर आश्चर्य व्यक्त किया। उन्होंने सवाल किया कि क्या सबसे कम पैसे मांगने वाले को कवि सम्मेलन में आमंत्रित किया जाएगा। उन्होंने भाजपा सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि मीडिया के बाद सरकार क्या कवियों को भी खरीदना चाहती है। उन्होंने नागार्जुन और दिनकर जैसे कवियों का हवाला देते हुए भाजपा सरकार को नसीहत देते हुए ऐसे कामों से बाज आने की सलाह दी।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button