जीवन की ‘बगेट’ कला ने खींचा राष्ट्र का ध्यान बढ़ा प्रदेश का मान
- उत्तराखंड के लिए खास रही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात, मन की बात के 122 वें संस्करण में हल्द्वानी निवासी जीवन जोशी का हुआ जिक्र

* लक्ष्मी प्रसाद बडोनी
देहरादून: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मन की बात’ का 122वां संस्करण उत्तराखंड के लिए एक लिहाज से खास रहा। मोदी ने जहां आपरेशन सिंदूर में वीर जवानों के शौर्य की चर्चा की, वहीं हल्द्वानी के जीवन जोशी की ‘बगेट’ कला का खासतौर पर जिक्र कर प्रदेशवासियों को गौरवान्वित होने का अवसर दिया।
दरअसल, हल्द्वानी निवासी जीवन जोशी बचपन में ही पोलियो की बीमारी का शिकार हो गए, लेकिन उन्होंने हौसला नहीं छोड़ा। विपरीत परिस्थितियों के बावजूद उन्होंने एक विलक्षण कला ‘बगेट’ को जन्म दिया। चीड़ की सूखी छाल से उत्तराखंड की आत्मा को साकार करती उनकी कलाकृतियाँ वास्तव में साधना का प्रतीक हैं। मोदी ने कहा कि जीवन ने अपनी कला और संघर्ष से यह दिखा दिया कि जीवन जीना क्या होता है। प्रधानमंत्री की मन की बात के 122वें संस्करण में किया गया यह उल्लेख उत्तराखंड की कला, संस्कृति और जनशक्ति की पहचान को राष्ट्रीय मंच तक पहुँचाता है।
ख़ुद जीवन चंद्र जोशी बताते हैं कि उन्हें इस कला को करते हुए 25 से 30 साल हो चुके हैं। पहले वह अल्मोड़ा में रहते थे। अब हल्द्वानी के कठघरिया क्षेत्र में रहते हैं। उन्होंने लकड़ी और छाल से जुड़ी कला अपने पिता से सीखी। घर से बाहर न जा पाने की मजबूरी ने उन्हें घर के भीतर ही एक अलग दुनिया की खोज करने पर मजबूर किया। इसी सफर ने उन्हें एक मास्टर क्राफ्ट्समैन बना दिया।
जीवन जोशी की इस कला का प्रधानमंत्री के मन की बात में जिक्र होने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी गदगद हो गए। उन्होंने भी प्रदेशवासियों से अपील की कि लोकल फॉर वोकल को बढ़ावा देते हुए दैनिक जीवन में स्वदेशी उत्पादों को प्राथमिकता दें और इसे एक जनआंदोलन का रूप दें। इसके अलावा, प्रधानमंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर में हमारे वीर जवानों के शौर्य, ऑपरेशन में प्रयोग किए गए भारत में बने हथियारों, उपकरणों व टेक्नोलॉजी, राइजिंग नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टर्स समिट, गुजरात के गिर में शेरों की बढ़ती संख्या, तेलंगाना की महिला ड्रोन ऑपरेटर्स (स्काई वरियर्स), अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस सहित अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर भी अपने विचार रखे।