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राजभवन के सामने धरने पर बैठे करन माहरा और धस्माना गिरफ्तार

- राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार को बर्खास्तगी की कर रहे थे मांग, पंचायत राज एक्ट के उल्लंघन से नाराज़ थे कांग्रेस नेता, राज्यपाल से चाहते थे मिलना

देहरादून: उत्तराखंड कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा गुरुवार को अचानक राजभवन के बाहर धरने पर बैठ गए। दरअसल राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार को बर्खास्त करने और अन्य बिंदुओं को लेकर करन माहरा ने राज्यपाल से मिलने के लिए समय की मांग की थी, लेकिन समय नहीं दिए जाने पर नाराज होकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा और वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना साथियों के साथ राजभवन के सामने विरोध दर्ज कराने के लिए धरने पर बैठ गए। इसके बाद पुलिस प्रशासन ने सभी नेताओं को हिरासत में ले लिया।
दरअसल, पंचायत चुनाव में राज्य निर्वाचन आयुक्त पर कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि उन्होंने असंवैधानिक तरीके से उत्तराखंड पंचायती राज एक्ट की धारा 9 उप धारा 6 और 7 का पत्र लिखकर खुलेआम उल्लंघन किया है। कांग्रेस ने उनको तत्काल प्रभाव से बर्खास्त करने की मांग लेकर राज्यपाल से मिलना चाहते थे। लेकिन समय नहीं दिए जाने पर करन माहरा धरने पर बैठ गए।
करन माहरा ने कहा कि कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल उत्तराखंड के राज्यपाल से मिलने के लिए बीते चार दिनों से समय मांग रहा था, लेकिन उनको मुलाकात का समय नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि राज्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति राज्यपाल राज्य सरकार की सिफारिश पर करते हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार, राज्य निर्वाचन आयुक्त से असंवैधानिक कार्य करवा रही है। इसलिए अब राज्य निर्वाचन आयुक्त को बर्खास्त करने की मांग राज्यपाल से ही होनी है। किंतु राजभवन मुलाकात का समय नहीं दे पा रहा है, इसलिए राजभवन के सामने धरना, अनशन के अलावा कोई विकल्प नहीं रहा है। हम मर्यादित तरीके से राजभवन के सामने शांतिपूर्ण अनशन पर बैठे हैं और राज्यपाल का ध्यान अपनी मांग की और आकर्षित करना चाहते हैं। जब राज्य निर्वाचन आयोग जैसी संवैधानिक स्वायत्तशासी संस्था संविधान और कानून के खिलाफ काम करे तो उसकी शिकायत राज्यपाल के पास ही की जा सकती है।

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