केजरीवाल ने खेला दांव, दो दिन में देंगे इस्तीफा

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफे की घोषणा कर बड़ दांव खेला है। मुख्यमंत्री पद छोड़ने की घोषणा कर केजरीवाल ने विरोधियों को जवाब देने के साथ जनता की अपने साथ और मजबूती से जोड़ने का प्रयास किया है।
भाजपा के इस आरोप का जवाब दिया है कि वह कुर्सी नहीं छोड़ना चाहते हैं। वहीं जनता में भी संदेश दे दिया है वह कुर्सी से उन्हें बहुत लगाव नहीं है। केजरीवाल ने यह दांव खेलकर हमलावर हो चुके विपक्षियों का मुंह बंद करने की कोशिश की है। इस घोषणा के साथ उन्होंने अपनी कट्टर ईमानदार की छवि को मजबूत करने का प्रयास किया है।
आप इसका लाभ हरियाणा और दिल्ली विधानसभा चुनाव में उठाने की कोशिश करेगी। पहली बार कांग्रेस के साथ मिलकर 48 दिनों की सरकार बनाने के बाद केजरीवाल के इस्तीफा देने के बाद अगले विधानसभा चुनाव में आप को 70 में से 67 सीटें मिली थी। इसे भले ही आम आदमी पार्टी नहीं मानें मगर जेल जाने से केजरीवाल की छवि पर असर पड़ा है।
मुख्यमंत्री पद के लिए आम आदमी पार्टी सुनीता केजरीवाल या आतिशी पर दांव लगा सकती है। इसके अलावा इस पद के लिए चौंकाने वाला कोई नया नाम भी आ सकता है। बहरहाल आप इस मामले में दो दिन बाद अपने पत्ते खोलेगी।
केजरीवाल ने अपने संबोधन में कहा कि, “मैं मुख्यमंत्री पद पर नहीं बैठूंगा। मनीष सिसोदिया भी मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे। पार्टी का कोई और नेता सीएम पद संभालेगा। हालांकि इसका फैसला दो दिन बाद होने वाली विधायक दल की बैठक में होगा।
केजरीवाल का मतलब आम आदमी पार्टी से है, केजरीवाल को खुद एक पार्टी के रूप में देखा जा रहा है। दूसरे शब्दों में कहें तो आम आदमी पार्टी की छवि ही केजरीवाल से है। विपक्षी दलों की साजिश बताकर आप के नेता यह बात पिछले एक साल से हर मंच पर कह रहे हैं कि केजरीवाल की छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है।