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समाज की सच्चाइयों को उजागर करती हैं हलधर की कविताएं: असीम शुक्ल

जसवीर सिंह हलधर की काव्य कृति 'काव्यनाद' का लोकार्पण-मुरादाबाद के राहुल शर्मा और इंदौर से आए सत्येन वर्मा और स्थानीय कवियों ने अपनी रचनाओं से महफ़िल लूटी

देहरादून : राष्ट्रीय कवि संगम के बैनर तले शनिवार को वरिष्ठ कवि जसवीर सिंह हलधर के काव्य संग्रह ‘काव्यनाद’ का लोकार्पण किया गया। काव्य संग्रह का लोकार्पण संस्था के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल, मुख्य अतिथि राहुल शर्मा, सत्येन वर्मा सत्येन, असीम शुक्ल और श्रीकांत श्री ने किया। हलधर का यह पांचवां काव्य संग्रह है। इसके अलावा, उनके दो ग़ज़ल संग्रह भी आ चुके हैं। ग़ज़ल संग्रह ‘रेत की नदी’ पर उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से ‘दुष्यंत कुमार साहित्य सम्मान’ से भी नवाजा जा चुका है।

  सहस्त्रधारा रोड स्थित वेलवेट स्माइल डेंटल क्लिनिक में आयोजित इस समारोह में मुख्य वक्ता असीम शुक्ल ने कहा कि हलधर की कविताएं और गीत किसी का स्तुतिगान नहीं हैं, बल्कि वह समाज और अपने समय की सच्चाइयों को उजागर करती हैं।

कवि हलधर ने अपनी काव्य कृति पर चर्चा करते हुए कहा कि वह वस्तुत: ओज के कवि हैं, लेकिन समाज की विसंगतियों से भी वह मुंह नहीं मोड़ सकते हैं, इसलिए स्वाभाविक रूप से उनकी कविताओं में जन की बात होती है। उन्होंने ‘काव्यनाद’ से कुछ कविताएं भी पढ़ी, जिन्हें खूब सराहा गया।

  इसके बाद, कवि सम्मेलन हुआ, जिसकी शुरुआत लब्धप्रतिष्ठित कवयित्री महिमा श्री ने मां सरस्वती की वंदना से की। मुरादाबाद से आमंत्रित मंच के प्रसिद्ध कवि राहुल शर्मा  ने अपनी शानदार प्रस्तुतियों से श्रोताओं को बांधे रखा।

इंदौर(मध्य प्रदेश) से आमंत्रित वरिष्ठ कवि सत्येन वर्मा सत्येन ने व्यंग्य पढ़कर अपने आमंत्रण को यथोचित प्रमाणित किया।  राष्ट्रीय कवि संगम की महिला इकाई की अध्यक्ष मीरा नवेली ने  भगवान श्री राम जी द्वारा रावण वध पश्चात अयोध्या नगरी लौटने पर नगर के लोक जीवन  के उल्लासित मन भावों को अपनी रचना के माध्यम से प्रस्तुत किया। मंचों के सशक्त हस्ताक्षर नीरज नैथानी ने अपनी व्यंग्य रचना सुनाकर सबको सोचने को मजबूर कर दिया। सेवानिवृत्त शिक्षिका पुष्पलता ममगाईं ने सुभद्रा कुमारी चौहान की रचना प्रस्तुत की।

       श्रीनगर गढ़वाल से आई माधुरी नैथानी ने श्री बद्रीनाथ धाम एवं हिमालय पर केंद्रित कविता पढ़ कर अपनी प्रभावशाली उपस्थिति अंकित की। मशहूर  शायर जनाब शादाब मशहदी ने एक से बढ़कर एक शेर पढ़कर शाम को यादगार बना दिया। पत्रकार एवं शायर दर्द गढ़वाली और शिवचरण शर्मा मुज़्तर ने शानदार शेरों और ग़ज़ल पढ़कर सदन को तालियों से गुंजायमान करा दिया। प्रसिद्ध गीतकार  शिव मोहन सिंह, सतीश बंसल, सतेंद्र शर्मा तरंग तथा सत्य प्रकाश शर्मा जी ने लयताल में पिरोकर सुमधुर कंठ से गीत प्रस्तुत कर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। वरिष्ठ कवयित्री इंदु अग्रवाल, शिवशंकर कुशवाहा, प्रो. ऊषा झा, गार्गी मिश्रा, विवेक श्रीवास्तव ने भी काव्य पाठ किया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे श्री अनिल अग्रवाल जी ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन के साथ ही काव्य संध्या के सफल आयोजन हेतु सभी के प्रति आभार प्रकट किया। आयोजन में डेंटल क्लीनिक की डॉ. ऋषिका ने उल्लेखनीय सहयोग प्रदान किया। मंच के प्रसिद्ध ओज कवि श्रीकांत श्री ने अपने प्रभावी संचालन से कार्यक्रम को गरिमा प्रदान की।

 

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