बहुचर्चित अंकिता हत्याकांड में भाजपा नेता के पुत्र समेत तीन को उम्रकैद
- कोटद्वार की अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रीना नेगी की कोर्ट ने दोषियों पर जुर्माना भी किया, पीड़ित परिवार को 4 लाख रुपए का मुआवजे देने का भी दिया आदेश

देहरादून: उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में शुक्रवार को कोटद्वार की अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रीना नेगी की कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया। कोर्ट ने इस हत्याकांड में भाजपा नेता विनोद आर्या के पुत्र पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को उम्रकैद की सजा दी। मामला सामने आने के बाद भाजपा नेता विनोद आर्या को पार्टी से निकाल दिया था।
अंकिता भंडारी हत्याकांड में पुलकित आर्य को आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत आजीवन कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई गई। सह-अभियुक्त सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को भी आजीवन कारावास और जुर्माना लगाया गया। तीनों आरोपियों को धारा 201 (साक्ष्य छुपाना) में पांच साल का कठोर कारावास व दस-दस हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया गया है। अनैतिक देह व्यापार अधिनियम के तहत भी तीनों आरोपी दोषसिद्ध पाए गए हैं, जिसमें तीनों को पांच-पांच साल का कठोर कारावास व दो हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है। पुलकित आर्य को धारा 354 (ए) (छेड़खानी व लज्जा भंग) में भी दोषी पाते हुए दो वर्ष का कठोर कारावास व 10 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई गई है। अदालत ने मृतका के माता पिता को चार लाख रुपये बतौर प्रतिकर भुगतान करने के निर्देश सरकार को दिए हैं।
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हत्याकांड से मच गया था हड़कंप
अंकिता भंडारी हत्याकांड सामने आने के बाद उत्तराखंड से दिल्ली तक हड़कंप मच गया था, पूरे देश की नजरें इस मामले पर ही लगी हुई थी। इस मामले की जांच के लिए सरकार की ओर एसआईटी की गठन किया गया था, जिसके बाद इस मामले में दो साल 8 महीने तक सुनवाई चली, जिसमें अभियोजन पक्ष की ओर 97 लोगों को गवाह बनाया था लेकिन अहम 47 गवाहों को ही पेश किया गया। कोर्ट में दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने आज ये फैसला सुनाया।
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2022 में हुई थी अंकिता की हत्या
एसआईटी ने इस मामले में 500 पेजों की चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें अभियोजन पक्ष की ओर से होटल वनतरा के मालिक पुलकित आर्य और वहां काम करने वाले सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को आरोपी बनाया था। पौड़ी जिले के यमकेश्वर की रहने वाली 19 साल की अंकिता वनतरा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के तौर पर काम करती थी। 18 सितंबर को 2022 को अंकिता यहां से गायब हो गई थी, जिसके बाद 24 सितंबर को उसका शव चीला पावर हाउस की नहर से बरामद किया गया था।
जांच के दौरान पता चला कि अंकिता का पुलकित आर्य के साथ विवाद हो गया था, जिसके बाद पुलकित ने रिजॉर्ट के कर्मचारी सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता के साथ मिलकर अंकिता को ऋषिकेश में चीला नहर में धक्का दे दिया था, जिससे उसकी मौत हो गई। शुरुआती जांच में ये बात सामने आई कि पुलकित ने अंकिता पर किसी वीआईपी को स्पेशल सर्विस देने का दबाव बनाया था लेकिन, अंकिता ने ऐसा करने से मना कर दिया था, जिसके बाद उसकी हत्या हो गई।
सड़कों पर दिखा था आक्रोश
नहर से अंकिता का शव मिलने के बाद पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर उन्हें जेल भेज दिया था। पुलकित, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के तत्कालीन नेता विनोद आर्य का बेटा है। मामला सामने आते ही पार्टी ने आर्य को बाहर का रास्ता दिखा दिया था। मामले के प्रकाश में आने के बाद स्थानीय लोग सड़क पर उतर गए और लोगों को शांत करने के वास्ते राज्य सरकार को मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल गठित करना पड़ा। साथ ही सरकार ने आरोपियों को सख्त से सख्त सजा दिलाने का भी ऐलान किया था।
सुरक्षा के थे व्यापक इंतजाम
कोटद्वार: बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड को लेकर कोटद्वार में एडिशनल सेशन जज रीना नेगी की कोर्ट के फैसले को देखते हुए उत्तराखंड पुलिस और प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। पौड़ी, देहरादून, हरिद्वार, टिहरी और उत्तरकाशी जिलों से अतिरिक्त पुलिस बल मंगवाया गया। डेढ़ कंपनी पीएसी के जवान और चार मजिस्ट्रेट को कोटद्वार में तैनात किया गया। कोर्ट परिसर के 200 मीटर के दायरे में निषेधाज्ञा लागू की गई, जिसमें समूह में प्रवेश, नारेबाजी और प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाया गया।
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अंकिता के माता-पिता फैसले से संतुष्ट नहीं, हाईकोर्ट जाएंगे
कोटद्वार: अंकिता भंडारी हत्याकांड में तीन दोषियों को उम्रकैद की सजा के फैसले से अंकिता के माता पिता खुश नहीं है। उन्होंने कहा कि जिन्होंने हमारी बेटी को मौत दी उन्हें भी मौत की सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने हमारा घर बरबाद कर दिया। हम चाहते थे कि हमारे जिंदा रहते इन हत्यारों को मौत की सजा मिले। हम इसके लिए हाईकोर्ट में अपील करेंगे।