
नई दिल्ली: कैश फॉर क्वेरी मामले में शुक्रवार को लोकसभा सदस्य महुआ मोइत्रा की सदस्यता रद कर दी गई। अति उत्साह और लापरवाही में लोकसभा पोर्टल का पास वर्ड उद्योगपति से साँझा किया।
लोकसभा में प्रह्लाद जोशी ने सांसद महुआ मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित करने का
प्रस्ताव किया और बीजेपी व एनडीए सांसदों के समर्थन से इसे पारित करा लिया गया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कहा ये निर्णय सदन का है और सदन के नियमानुसार पारित कराया जा रहा है।
दूसरी ओर विपक्ष की मांग थी कि चर्चा से पहले लोकसभा सदस्यों को पढ़ने के लिए तीन चार दिन का समय दिया जाये। विपक्ष की मांग को ठुकराते हुए आननफानन रिपोर्ट पेश हुई और तुरंत चर्चा कर तृण मूल कांग्रेस की फायर ब्रांड लोकसभा सदस्य महुआ मोइत्रा को लोकसभा से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। महुआ मोइत्रा सहित विपक्ष की मांग थी कि बिना अभियोग साबित किए समिति ने दबाव में निर्णय दिया है ताकि अडानी और बीजेपी के खिलाफ आवाज दबायी जा सके। महुवा मोइत्रा को लोकसभा में आखिरी बार अपना पक्ष रखने का मौका नहीं मिला। महुवा पहली लोकसभा सदस्य हैं, जिसने अपनी लोकसभा सदस्यता कैश फॉर क्वेरी
मामले में गवाई है। इसके बाद लोकसभा अगले सोमवार के लिए स्थगित हो गई है। महुआ मोइत्रा के खिलाफ ये प्रस्ताव बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने दिया था और उनकी महुआ से अदावत जग जाहिर है।