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महाकुंभ में डुबकी लगाई और सनातनी हो गए कई विदेशी

प्रयागराज: संगम नगरी में शांति की तलाश में सनातन धर्म की ओर विदेशी श्रद्धालु खींचे चले आ रहे हैं। कुम्भ नगर के सेक्टर 17 स्थित शक्तिधाम शिविर में फ्रांस, बेल्जियम, कनाडा व अमेरिका सहित कई देशों से पहुंचे 61 विदेशियों ने सनातन की गुरु दीक्षा ली। जगद्गुरु साईं मां लक्ष्मी देवी ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच विधि-विधान से सभी को संन्यास दीक्षा दी।

विदेशियों ने पहले संगम में आस्था की डुबकी लगाई। फिर उन्हें तुलसी की माला पहनाई गई। सनातन धर्म अपनाने के बाद विदेशी श्रद्धालु ऊं नम: शिवाय का जयकारा लगाते हुए नाचते-गाते दिखाई दिए। जगद्गुरु ने कहा कि हजारों साल पुराना सनातन धर्म अपने आप में अद्भुत है। नशे व तनाव में डूबे हुए आज के युवाओं को सही राह सनातन ही दिखा सकता है। इसी वजह से लोग सनातन की तरफ आकर्षित होकर उसे अपना रहे हैं।
दीक्षा लेने वालों में संयुक्त राज्य अमेरिका में वास्तुकार मैथ्यू लॉरेंस, कनाडा में चिकित्सक आंद्रे अनात, संयुक्त राज्य अमेरिका में ऊर्जा के क्षेत्र में काम करने वाले जेनी मिलर, कनाडा में आईटी डेवलपर मैथ्यू सावोई, बेल्जियम में स्वास्थ्य एवं सुरक्षा सलाहकार क्रिस्टेल डी कैट भी शामिल रहे। जगद्गुरु साईं मां लक्ष्मी देवी के सानिध्य में अभी तक शक्ति धाम के शिविर में इस पावन महाकुंभ के दौरान 200 से अधिक विदेशियों ने सनातन की दीक्षा प्राप्त की है। मॉरीशस के एक ब्राम्हण परिवार में जन्मी जगद्गुरु साईं मां हिन्दू धर्म के प्रचार-प्रसार में पिछले डेढ़ दशक से सक्रिय हैं।
आयरलैंड में बिक्री व विपणन के क्षेत्र में कार्यरत डेविड हैरिंगटन का कहना है कि सनातन की सरलता मुझे भारत की तरफ खींच लाई है। यह एक ऐसी अकेली जीवन पद्धति है, जो आप पर कुछ नहीं थोपती है। इसलिए सनातन को अपनाया है। फ्रांस में सॉफ्टवेयर इंजीनियर ओलिवियर गिउलिरी बताते हैं कि महाकुम्भ से बड़ा अवसर मेरे जीवन में शायद ही कभी आ सकता था। मैं गुरु दीक्षा लेकर अभिभूत हूं। मेरी तलाश सनातन में आकर समाप्त हुई। दीक्षा लेने वालों में संयुक्त राज्य अमेरिका में ऊर्जा के क्षेत्र में काम करने वाले जेनी मिलर व वास्तुकार मैथ्यू लॉरेंस, कनाडा में आईटी डेवलपर मैथ्यू सावोई व चिकित्सक आंद्रे अनात, बेल्जियम में स्वास्थ्य व सुरक्षा सलाहकार क्रिस्टेल डी कैट प्रमुख रूप से शामिल हैं।

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