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उत्तराखंड में प्रवासी शिक्षा केन्द्रों की हाेगी स्थापना

-पीजीआई इंडिकेटर्स में सुधार के लिए नामित होंगे नोडल अधिकार

देहरादून: नई शिक्षा नीति के प्रावधानों के तहत राज्य में रह रहे श्रमिकों के बच्चों की शिक्षा के लिए प्रवासी शिक्षा केन्द्रों की स्थापना की जाएगी। शिक्षा विभाग की विभिन्न गतिविधियों के बेहतर आकलन के लिए परफॉरमेंस ग्रेड इंडिकेटर्स (पीजीआई) में सुधार के लिए निदेशालय स्तर पर नोडल अधिकारी नामित किये जायेंगे। प्रत्येक जनपद मुख्यालय में बेसहारा, निर्धन और असहाय बच्चों के लिये नेताजी सुभाष चन्द्र बोस छात्रावास की स्थापना होगी।

उन्होंने परियोजना बाहुल्य क्षेत्रों में प्रवासी शिक्षा केन्द्रों की स्थापना के लिए प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि वर्तमान में रेल परियोजना, पनबिजली परियोजना, राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण सहित औद्योगिक क्षेत्रों में हजारों प्रवासी श्रमिक निवास कर रहे हैं, जिनके बच्चों को प्राथमिक शिक्षा दिये जाने के उद्देश्य से एनईपी-2020 में प्रवासी शिक्षा केन्द्र स्थापित किये जाने की व्यवस्था की गई है। इसी के तहत राज्य में मजबूर बाहुल्य क्षेत्रों का विभागीय सर्वे करा कर प्रावसी शिक्षा केन्द्र की स्थापना की जाएगी. इसके अलावा प्रदेश के निर्धन, असाहय व निराश्रित बच्चों के लिए प्रत्येक जनपद मुख्यालय पर एक-एक नेताजी सुभाष चंद्र बोस आवासीय छात्रावासों की स्थापना के लिए निर्माण कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए।उन्होंने बताया ताया कि वर्तमान में राज्य में 13 छात्रावास क्रियाशील हैं, जबकि सात का निर्माण अभी होना बाकी है। इन छात्रावासों में रहने वाले बच्चों को आसपास के विद्यालयों में प्रवेश दिलाया जाता है, जिनके आवास सहित भरण-पोषण एवं शिक्षा पर आने वाला व्यय भार केन्द्र सरकार वहन करती है।

बैठक में महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा एवं राज्य परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा बंशीधर तिवारी, अपर परियोजना निदेशक डॉ. मुकुल कुमार सती,संयुक्त निदेशक पीएम पोषण कुलदीप गैरोला, उपायुक्त एफडीए जी.सी.कण्डवाल, उप परियोजना निदेशक अजीत भण्डारी,पल्लवी नैन, प्रद्युमन रावत,अन्जुम फातिमा, बीपी मैन्दोली सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

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