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उत्तराखंड में कुट्टू के आटे का कहर, 300 से अधिक लोग बीमार

मुख्यमंत्री धामी ने दिए मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश - विकासनगर, पटेलनगर, कोतवाली क्षेत्र से देहरादून के विभिन्न स्टोरों और गोदामों में सप्लाई हुआ था कुट्टू का आटा - पुलिस ने कई स्टोर से कुट्टू का आटा किया जब्त, इन जगह से कुट्टू का आटा न लेने की अपील

देहरादून: राजधानी देहरादून और हरिद्वार सहित उत्तराखंड के विभिन्न शहरों में कुट्टू के आटा से बने व्यंजन खाने से तीन सौ से ज्यादा लोग बीमार पड़ गए। फूड प्वाइजनिंग का शिकार हुए इन लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। देहरादून में स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत के बाद खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अस्पताल पहुंचकर बीमार लोगों के स्वास्थ्य की जानकारी ली।
देहरादून के दून मेडिकल कॉलेज में 110, कोरोनेशन अस्पताल में 110 और इंद्रेश अस्पताल में करीब 29 लोग फूड प्वाइजनिंग की शिकायत पर ओपीडी के जरिए भर्ती हुए। स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इन सभी की तबीयत मिलावटी कुट्टू का आटा खाने से खराब हुई है। इस मामले में थाना बसंत विहार में तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। तीनों देहरादून के दुकानदार हैं, जिनके पास से लोगों ने कुट्टू का आटा खरीदा था।
मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्य सप्लायर के खिलाफ न सिर्फ मुकदमा दर्ज किया गया. बल्कि उसका गोदाम भी सील कर दिया गया है। इसके साथ ही देहरादून जिले के करीब 24 दुकानों में ताबड़तोड़ छापेमारी की कार्रवाई करते हुए 7 दुकानों से कुट्टू के आटे के सैंपल लिए गए हैं और लगभग एक क्विंटल कुट्टू के आटे को नष्ट किया गया है। प्रदेश में पिछले 3 महीने से चल रहे अभियान के तहत मावा, पनीर, कुट्टू के आटे के 375 सैंपल लिए जा चुके हैं। उन पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एवं अपर जिलाधिकारी कोर्ट पर कार्रवाई चल रही है। इस बीच मुख्यमंत्री ने पूरे मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के आदेश दिए हैं।

देहरादून में उस समय हड़कंप मच गया, जब बड़ी संख्या में कुट्टू के आने के पकवान खाने से लोग बीमार हो गए। बीमार लोगों को देखने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी भी कोरोनेशन अस्पताल पहुंचे. उन्होंने कहा कि 66 मरीजों को कोरोनेशन अस्पताल में भर्ती कराया गया है। 44 मरीजों को दो अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।


गौरतलब है कि रविवार को उपवास के बाद इन लोगों ने कुट्टू के आटे से बना भोजन ग्रहण किया था. इसके बाद इन लोगों के पेट में दर्द होने लगा और चक्कर आने लगे। इस बीच कई लोगों को चक्कर आने और उल्टी की शिकायत के बाद कोरोनेशन और दून अस्पताल में भर्ती कराया गया। बकौल मुख्यमंत्री पुष्कर धामी कुट्टू का आटा खाने से हुई फूड प्वाइजनिंग से बीमार लोगों की संख्या बढ़ सकती है। सीएम ने कहा कि सरकार मिलावटखोरों को किसी भी सूरत में बख्शेगी नहीं।
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देहरादून पुलिस ने की अपील
फूड प्वाइजनिंग की घटना के बाद देहरादून पुलिस सक्रिय हो गई। सोमवार को कुट्टू के आटे से बना भोजन करने से कुछ लोगों के बीमार होना की बात सामने आई तो छानबीन में पता चला कि विकासनगर क्षेत्र के एक ट्रेडर्स, जिसका शिमला बाईपास पटेल नगर क्षेत्र में भी गोदाम है। उक्त स्टोर ने कुट्टू का आटा खरीदा था। उक्त विकासनगर, पटेलनगर, कोतवाली क्षेत्र से देहरादून के विभिन्न स्टोरों, गोदामों में कुट्टू का आटा वितरित किया गया था। पुलिस द्वारा तत्काल संबंधित दुकानों, गोदामों से उक्त कुट्टू के आटे को जब्त किया गया और लगातार कार्रवाई जारी है।
आमजन से अनुरोध है कि जिनके द्वारा विकासनगर, पटेलनगर, कोतवाली के उक्त गोदाम या दुकानों से कुट्टू का आटा क्रय या वितरित किया गया है। कृपया वह सभी उक्त कुट्टू के आटे का सेवन न करें। कुट्टू के आटे की प्रमाणिकता जांच के उपरांत ही उसका सेवन करें।
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व्रत में क्यों खाते हैं कुट्टू के आटे के पकवान? कुट्टू का आटा फलों के बीजों से बनता है। लोग इसे फलाहारी माना जाता है। इसलिए इसके पकवान व्रत में खाए जाते हैं। यह फलाहारी होने के साथ ही पोषण से भरपूर होता है। इसकी खास बात ये है कि ये ग्लूटेन फ्री होता है. गेहूं के आटे में ग्लूटेन होता है, जो कई लोगों को एलर्जी करता है। कुट्टू के आटे के व्यंजन पाचन में आसान हैं, इसलिए दिन भर के व्रत के बात लोगों की ये पहली पसंद होता है। ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में कई व्यापारी इसमें मिलावट कर देते हैं, जिससे इससे बने पदार्थ खाने से फूड प्वाइजनिंग हो जाती है।
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डीएम ने अस्पतालों में नियुक्त किए मजिस्ट्रेट
देहरादून: कुट्टू के आटे से बने व्यंजन खाने से बीमार लोगों का उपचार राजकीय दून मेडिकल कॉलेज, राजकीय जिला अस्पताल कोरोनेशन एवं महन्त इन्द्रेश अस्पताल में किया जा रहा है। इन अस्पतालों में स्वास्थ्य उपचार हेतु भर्ती नागरिकों के बेहतर इलाज, सुगम सुविधा एवं उपचार के दौरान उनका और उनके परिजनों व अस्पताल प्रबन्धन के मध्य समन्वय के लिए जिलाधिकारी सविन बंसल ने तीन मजिस्ट्रेट नियुक्त किए हैं। इनमें नगर मजिस्ट्रेट प्रत्युष सिंह राजकीय दून मेडिकल कॉलेज, उपजिला मजिस्ट्रेट न्यायिक सदर कुमकुम जोशी कोरोनेशन अस्पताल और उप जिला मजिस्ट्रेट सदर हरगिरी की ड्यूटी महंत इंद्रेश अस्पताल में लगाई गई है।

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मुख्यमंत्री का बयान
मरीजों के इलाज के लिए पूरी व्यवस्था की गई है। स्वास्थ्य सचिव को निर्देश दिए गए हैं कि पूरे मामले की जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए। इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो स्वास्थ्य विभाग, खाद्य सुरक्षा विभाग और अन्य संबंधित विभाग मिलकर घटना की पूरी जांच करेंगे। लापरवाही करने वाले सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
-पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री

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