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प्रदेश में कानून व्यवस्था के ध्वस्त होने का सबसे बड़ा उदाहरण है नैनीताल प्रकरण: धस्माना 

नैनीताल प्रकरण पर उच्च न्यायालय की टिप्पणी पर प्रदेश सरकार लाजवाब

देहरादून: त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के अंतिम चरण में नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने हथियार बंद अपराधिक  तत्वों के साथ मिल कर पांच जिला पंचायत सदस्य उठाने का जो दुस्साहस किया और आज पांच दिन बाद भी इस पूरे प्रकरण में शामिल अपराधियों को पकड़ने में पुलिस जिस तरह से नाकाम हुई, उस पर आज नैनीताल उच्च न्यायालय की टिप्पणी के बाद प्रदेश की सरकार को एक मिनट भी सत्ता में रहने का अधिकार नहीं है। यह बात आज उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष संगठन सूर्यकांत धस्माना ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत में कही। उच्च न्यायालय नैनीताल में इस प्रकरण पर आज हुई बहस और उस पर माननीय उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश व बैंच की टिप्पणियां सार्वजनिक हुई उस पर प्रतिक्रिया देते हुए धस्माना ने कहा कि यह बात बिल्कुल सत्य है कि जिस जिला मुख्यालय में प्रदेश का उच्च न्यायालय हो जहां मुख्य न्यायाधीश समेत हाई कोर्ट की पूरी बेंच बैठती हो और मंडल मुख्यालय भी हो उस जिले में इस प्रकार अपराधी हथियारबंद हो कर किसी अपहरण की घटना को बेखौफ अंजाम दे दें वो भी पुलिस के सामने इससे बड़ा कानून व्यवस्था के ध्वस्त होने का उदाहरण दूसरा नहीं हो सकता।

धस्माना ने कहा कि इस पूरी आपराधिक घटना में जिनकी संलिप्तता है उनको गिरफ्तार करने की बजाय पुलिस उनको बचा रही है और माननीय उच्च न्यायालय की पुलिस अधीक्षक नैनीताल के बारे में सभी टिप्पणियां बिल्कुल सही हैं और सरकार को उनको तत्काल वहां से हटा कर होम गार्ड में भेज देना चाहिए। धस्माना ने कहा कि भाजपा इस पूरे प्रकरण के पीछे मास्टरमाइंड है और इसीलिए आज तक पुलिस अपराधियों को गिरफ्तार नहीं कर पाई है। धस्माना ने कहा कि मंगलवार से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र में यह मुद्दा जोरशोर से उठेगा व सड़कों पर इस मुद्दे पर कांग्रेस की लड़ाई जारी रहेगी।

 

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