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नैनीताल जिपं सदस्य किडनैपिंग केस: हाईकोर्ट ने डीएम-एसएसपी से मांगा जवाब मांगा, कांग्रेस ने उठाई दोबारा वोटिंग की मांग

- हाईकोर्ट ने नैनीताल जिला पंचायत के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष का निष्पक्ष चुनाव कराने को लेकर स्वतः संज्ञान लिए जाने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई की

देहरादून/नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट में सोमवार को नैनीताल जिला पंचायत सदस्यों के कथित किडनैपिंग केस पर सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र व न्यायमूर्ति आलोक महरा की खंडपीठ ने जिलाधिकारी नैनीताल से कहा कि अब तक इस मामले में क्या-क्या कार्रवाई हुई है, उसकी रिपोर्ट कोर्ट में पेश करें। साथ ही दोबारा चुनाव कराने पर भी राज्य चुनाव आयोग ने क्या कहा है कि इस पर मंगलवार तक जवाब पेश करें। सुनवाई के दौरान उत्तराखंड हाईकोर्ट में भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। वहीं, मामले की अगली सुनवाई 19 अगस्त को होगी।
नैनीताल जिलाधिकारी के साथ पुलिस कप्तान भी हाईकोर्ट में पेश हुए थे। कोर्ट ने एसएसपी प्रह्वाद नारायण मीणा से पूछा कि, ’14 अगस्त की घटना पर आपको क्या कहना है?’ जिस पर एसएसपी व राज्य सरकार की तरफ से कहा गया है कि वायरल वीडियो के आधार पर कार्रवाई की जा रही है। शिकायतों के आधार पर दोनों पक्षों की एफआईआर दर्ज कर ली गयी है, जिस पर कोर्ट ने फिर एसएसपी से पूछा कि ‘मुकदमा दर्ज होने के बाद क्या हुआ? कितनों के खिलाफ कार्रवाई की?’, जिसका एसएसपी जवाब नहीं दे पाए।
पुलिस ने कोर्ट को बताया कि जो पांच जिला पंचायत सदस्य गायब थे, उनका बयान मजिस्ट्रेट के पास दर्ज करा दिया गया है। इस पर कोर्ट ने पूछा कि जब जिला पंचायत सदस्य गायब हुए ही नहीं तो बयान किस आधार पर दर्ज किए गए हैं।
खंडपीठ ने एसएसपी से कहा कि, ‘अपहरण का वीडियो खुद कोर्ट ने देखा है। आप कानून व्यवस्था को बनाए रखने में नाकाम हो। जब जिला अधिकारी ने इस संबंध में नोटिस जारी किया था, तब क्यों उस पर अमल नहीं किया? आप कानून व्यवस्था बनाए रखने का कौन सा नया उदाहरण देना चाहते हैं? ऐसी ही लापरवाही करने के आधार पर आपका स्थानांतरण (ट्रांसफर) किया जा सकता है।’
जिला पंचायत अध्यक्ष नैनीताल के चुनाव के दिन कथित तौर पर बलपूर्वक उठाये गए 5 जिला पंचायत सदस्य सोमवार को हाईकोर्ट में पेश किए गए, लेकिन आज उनसे कोर्ट की तरफ से कोई पूछताछ नहीं हुई है। इस मामले की अगली सुनवाई 19 अगस्त को भी जारी रहेगी। दूसरी ओर हाईकोर्ट ने मतदान के दिन जिला पंचायत स्थित मतदान केंद्र से 200 मीटर की दूरी पर हथियारों के साथ एक गिरोह के वहां पहुंचने पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए इसे पुलिस की असफलता बताया है। हाईकोर्ट ने इस मामले पर भी एसएसपी को विस्तृत शपथ पत्र देने को कहा है।
नैनीताल जिलाधिकारी वंदना सिंह ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश होकर 15 अगस्त की सुबह तीन बजे मतगणना किये जाने को नियमानुसार बताया। उन्होंने कहा कि मतगणना के बाद मतपत्र ट्रेजरी के लॉकर में रखे गए थे, जिन्हें आज कोर्ट के समक्ष पेश किया गया। कोर्ट ने जिलाधिकारी से भी इस मामले में शपथ पत्र मांगा है। इस मामले में कांग्रेस प्रत्याशी पुष्पा नेगी के अधिवक्ताओं ने आपत्ति जताई है।
कांग्रेस की तरफ से सोमवार को हाईकोर्ट में नई रिट फाइल कर जिला पंचायत अध्यक्ष नैनीताल के लिए दोबारा मतदान कराने की मांग की गई। आज सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने वो सभी वीडियो देखें, जिनमे रेनकोट पहने लोग 5 सदस्यों को घसीटते हुए ले जा रहे हैं। इसके अलावा घटना के बाद कुछ युवकों द्वारा सोशल मीडिया में “नैनीताल को हिला डाला” शीर्षक से डाले गए वीडियो भी देखे गए, जिस पर कोर्ट ने गहरी चिंता जताई है। वहीं, नैनीताल एसएसपी ने इन आरोपियों की गिरफ्तारी का आश्वासन दिया है।
बता दें कि गुरुवार 14 अगस्त को नैनीताल में जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में कांग्रेस की ओर से पुष्पा नेगी और बीजेपी की ओर से दीपा दरमवाल चुनावी दौड़ में थीं। चुनाव के समय शहर में काफी हंगामा हुआ था। कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही दलों के नेताओं ने एक-दूसरे पर अपने समर्थित जिला पंचायत सदस्यों को चुनाव के दौरान किडनैप करने का आरोप लगाया है। इस मामले में दोनों ही दलों के नेताओं की तरफ से पुलिस को तहरीर भी दी गई है।
कांग्रेस इस मामले को लेकर उसी दिन यानी 14 अगस्त को उत्तराखंड हाईकोर्ट भी पहुंच गई थी। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने भी तभी मामले की सुनवाई की थी और निर्वाचन आयोग व पुलिस को जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए थे। वहीं हंगामे के बीच 14 अगस्त देर रात को निर्वाचन आयोग ने मतदान के बाद मतगणना भी कराई थी। हालांकि निर्वाचन आयोग ने परिणाम घोषित नहीं किया है। निर्वाचन आयोग ने चुनाव परिणाम लिफाफे में सील बंद कर डबल लॉकर में रख दिया था, जिसे आज उत्तराखंड हाईकोर्ट में पेश किया गया। हाईकोर्ट ने डीएम से काउंटिंग प्रक्रिया और कार्यवाही संबंधी रिपोर्ट पर एफिडेविट मांगा है।

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