उत्तराखंड में 37 मदरसों की मान्यता पर लटकी तलवार
- मान्यता समिति की बैठक में 88 आवेदनों में से 51 को मिली थी मान्यता, जिलों से रिपोर्ट न आने के कारण फंसी मान्यता, 10 मदरसे हैं बंद

देहरादून: उत्तराखंड में 37 मदरसों की मान्यता पर तलवार लटक गई है। जिलों की जांच में ये मान्यता फंसी है। जिलों से रिपोर्ट आने के बाद ही अब इन मान्यता पर समिति फैसला ले सकेगी।
विगत 27 फरवरी को मदरसा बोर्ड अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी की अध्यक्षता में मान्यता समिति की बैठक में 88 आवेदनों में से 51 को मान्यता प्रदान की गई। पांच साल बाद यह मान्यता दी गई है। अब जिन 37 मदरसों के आवेदन रोके गए हैं, उनमें से 10 मदरसे बंद बताए गए हैं।
गौरतलब है कि अवैध मदरसों के खिलाफ कार्रवाई के क्रम में प्रशासन की टीम ने सोमवार को पांच मदरसों को सील किया था। एसडीएम विनोद कुमार ने बताया कि अवैध तौर पर संचालित हो रहे सभी मदरसों को बंद करा दिया जाएगा।
जिलाधिकारी के आदेश पर शनिवार से पछुवादून में अवैध तौर पर संचालित हो रहे मदरसों को सील करने की कार्रवाई शुरू की गई है। सोमवार को प्रशासन की टीम ने शिक्षा विभाग अधिकारियों के साथ मिलकर मदरसा रहीमिया माहीदुल कुरआन, मदरसा इस्लामिया नूर अल हुदा, मदरसा इनाम उल उलूम, ईसात अल नात और मदरसा इस्लामिया अरबिया कासिम उल उलूम को सील किया।
एसडीएम ने कहा कि इन मदरसों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को नजदीकी सरकारी स्कूल में दाखिला दिलाने के निर्देश दिए गए हैं। प्रशासन की टीम में तहसीलदार विवेक राजौरी, सीओ भाष्कर लाल साह, बीईओ विनीता नेगी कठैत, शहर कोतवाल राजेश साह, हरबर्टपुर चौकी प्रभारी सनोज कुमार आदि शामिल रहे।