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निकोलस ने बच्चों को दिए कहानी लिखने के टिप्स 

दून पुस्तकालय ने बच्चों के लिए 'फाइंडिंग निमो' फिल्म प्रदर्शित की

देहरादून: दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र की ओर से मंगलवार प्रातःकालीन सत्र में बाल पुस्तकालय के बच्चों और अन्य लोगों के लिए चर्चित फिल्म फाइंडिंग निमो का प्रदर्शन किया गया। फिल्म प्रदर्शन के बाद कहानी लेखन की प्रारम्भिक शुरूआत खुद किस तरह करें इस बारे में भी आधारभूत जानकारी दी गई। इस सम्पूर्ण सत्र को गीत-संगीत व फिल्मों के जानकार निकोलस हॉफलैण्ड ने कुशलता के साथ संचालित किया। दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र के पुस्तकालय में बाल अनुभाग की शुरूआत की कड़ी में बच्चों के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

फाइंडिंग निमो 2003 में बनी एक एनिमेटेड फिल्म है, जिसमें निमो नाम की मछली अपने पिता से बिछड़ जाती है। एक पिता और बेटे के आसपास घूमती ये कहानी पिता-पुत्र के संबंधों को शानदार तरीके से प्रदर्शित करती है। इसके साथ ही फाइंडिंग निमो फिल्म यह सीख देने में सफल दिखती है कि किसी भी संदर्भ को सतही तौर के बजाय अपनी व्यापक सोच से जो कार्य आप करना चाहते हैं, उसे करना चाहिए। इस बात का कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन क्या कहेगा, अगर आप खुद पर भरोसा रखते हैं, तो आप अपना मार्ग स्वयं निकाल ही लेंगे।

 

फाइंडिंग निमो फ़िल्म का निर्माण वॉल्ट डिज्नी पिक्चर्स द्वारा किया गया है। निर्देशन एंड्रयू स्टैंटन ने किया है। पटकथा बॉब पीटरसन और डेविड रेनॉल्ड्स द्वारा स्टैंटन की कहानी पर आधारित है। फिल्म में अल्बर्ट ब्रूक्स,एलेन डीजेनरेस,अलेक्जेंडर गोल्ड ,विलेम डेफो और जेफ्रीरश की आवाजें हैं। यह फिल्म मार्लिन (ब्रूक्स) नाम के एक ओवर प्रोटेक्टिव क्लाउनफ़िश की कहानी बताती है, जो डोरी (डीजेनेरेस) नामक एक भुलक्कड़ रीगल ब्लू टैंग के साथ मिलकर अपने लापता बेटे निमो (गोल्ड) की खोज करता है।

इस अवसर पर  शहर के प्राथमिक विद्यालय, परेड ग्राउंड, एन आई ओ एस, दून गर्ल्स स्कूल, वेल्हम्स गर्ल्स स्कूल, और आसरा ट्रस्ट के 45 बच्चों  सहित अन्य सामाजिक कार्यकर्ता, लेखक साहित्यप्रेेमी व दून पुस्तकालय के बाल व युवा पाठक उपस्थित रहे।

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