उत्तराखंड की साहित्यकार निशा अतुल्य का उज्जैन में हुआ सम्मान
- बिलासा छंद महालय शिक्षण संस्थान छत्तीसगढ़ का दीक्षांत समारोह का भव्य आयोजन, निशा की नव प्रस्तारित 1875 छंदों की दो पुस्तकों का भी हुआ विमोचन, मैजिक बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में बनाया स्थान, करूणा अथैया विद्या वाचस्पति की उपाधि से विभूषित

देहरादून/उज्जैन: बिलासा छंद महालय शिक्षण संस्थान छत्तीसगढ़ का दीक्षांत समारोह महाकाल की नगरी उज्जैन में मौनी तीर्थ आश्रम में मुख्य अतिथि श्री श्री 1008 मानस भूषण डॉ.सुमनानंद गिरी महाराज के आशीर्वाद के बीच सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। इस समारोह में देशभर से तकरीबन डेढ़ सौ लोगों ने भाग लिया। समारोह में उत्तराखंड की साहित्यकार निशा अतुल्य की दो पुस्तकों का विमोचन किया गया, वहीं देहरादून की साहित्यकार करुणा अथैया को विद्यावाचस्पति की उपाधि से सम्मानित किया गया।
बिलासा छंद महालय निःशुल्क छंद ज्ञान आठ पटलों के द्वारा नियमित साधकों को दे रहा है। इसमें 8 पटल के पटल गुरु, पटल प्रमुख व पटल प्रेरक उपस्थित रहे, जिसमें निशा अतुल्य उन भाग्यशाली पटल प्रमुख में से रही, जिन्हें पटल संस्थापक छंदाचार्य रामनाथ साहू ‘ननकी’ अध्यक्षा माधुरी डड़सेना मुदिता का असीम स्नेह सम्मान मिला, जिन्होंने पूरे कार्यक्रम में मंच पर अपने पास बैठा कर निशा अतुल्य के सम्मान को द्विगुणित कर दिया।
कार्यक्रम में उपस्थित नवगीत के पुरोधा गोविंद शर्मा, मनोहर गजानन मोयदे, व देवेंद्र शर्मा जी रहे। इस कार्यक्रम में देहरादून की रचनाकार निशा अतुल्य की दो नव प्रस्तारित पुस्तकों का विमोचन छंदाचार्य रामनाथ साहू ननकी के कर कमलों द्वारा हुआ। 13,11 पर नव प्रस्तारित 1875 छंदों को निशा अतुल्य ने अपनी लेखनी से स्वरूप देकर प्रसाद नामक ग्रन्थ का मैजिक बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में स्थान बनाया। पार्थ पंचपदी व प्रसाद दोनों ही पुस्तक नव प्रस्तारित छंदों पर आधारित है। निशा अतुल्य ने उत्तराखंड का नाम संपूर्ण भारत में रोशन किया।