नहीं विनेश अभी नहीं….. अभी बहुत कुश्ती बाकी है

पेरिस: भारतीय पहलवान विनेश फोगाट ने भले ही कुश्ती से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया हो, लेकिन उनके फैंस नहीं चाहते कि वह इतनी जल्दी हार मान लें। हर देशवासी विनेश के साथ है। फैंस का कहना है कि अभी उनमें बहुत कुश्ती बाकी है। फैंस की ओर से भावुकता भरे कमेंट आ रहे हैं। पेरिस ओलंपिक से विनेश के डिसक्वालिफाई किए जाने को कोई साजिश बता रहा है, तो कोई हिम्मत से काम लेने की बात कर रहा है। तमाम राजनीतिक दल के नेता भी विनेश के पक्ष में बयान जारी कर रहे हैं। कुछ नेताओं ने तो सरकार से ओलंपिक का बहिष्कार तक करने की मांग कर डाली है। आप सांसद संजय कुमार ने इसे देश का अपमान बताते हुए पूरे मामले की जांच कराने की मांग की है। एक फैंस ने संसद में खेल राज्य मंत्री द्वारा सरकार की ओर से विनेश पर खर्च किए पैसे का ब्यौरा देने पर कड़ा एतराज जताते हुए कहा कि सरकार तो विनेश पर सिर्फ 70 लाख खर्च कर पाई है, लेकिन देशवासी तो उस पर करोडों रूपए खर्च कर सकते हैं। देश का एक व्यक्ति भी यदि एक रुपया विनेश को मदद दे तो वह 143 करोड़ बनता है, इसलिए सरकार ऐसी ओछी राजनीति न करे।
उल्लेखनीय है कि विनेश फोगाट ने पेरिस ओलंपिक में कमाल का प्रदर्शन किया। उन्होंने अपने पहले राउंड में जापान की अजेय रेसलर युई सुसाकी को हराया। इससे पहले सुसाकी अपने 82 मैच के इंटरनेशनल करियर में कोई मुकाबला नहीं हारी थीं। इसके बाद लगातार दो मैच जीतकर उन्होंने फाइनल में जगह बनाई। अभी तक कोई भी भारतीय महिला रेसलर ओलंपिक के फाइनल में नहीं पहुंच पाई थी। हालांकि दूसरी दिन 100 ग्राम ज्यादा वजन होने की वजह से उन्हें बाहर कर दिया गया।
1994 में जन्मी विनेश फोगाट ने 7 साल की उम्र में ही रेसलिंग शुरू कर दी थी। वह वर्ल्ड रैंकिंग में पहले स्थान तक पहुंच चुकी हैं। 2019 और 2022 में वर्ल्ड चैंपियनशिप में 53 किग्रा कैटेगरी में विनेश ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था। 2018 एशियन गेम्स में विनेश ने गोल्ड पर कब्जा जमाया था। इसके साथ ही विनेश के नाम कॉमनवेल्थ गेम्स में भी 3 गोल्ड हैं। वह एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ दोनों में गोल्ड जीतने वाली भारत की पहली रेसलर हैं।
मां से मांगी माफी
तीन ओलंपिक में भारत के लिए हिस्सा ले चुकीं विनेश फोगाट ने सोशल मीडिया पर संन्यास का ऐलान किया। उन्होंने माफी मांगते हुए एक्स अकाउंट पर संन्यास की घोषणा की। 29 साल की विनेश ने लिखा- मां कुश्ती मेरे से जीत गई और मैं हार गई माफ करना आपका सपना मेरी हिम्मत सब टूट चुके। इससे ज्यादा ताकत नहीं रही अब। अलविदा कुश्ती 2001-2024, आप सबकी हमेशा ऋणी रहूंगी, माफी।