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अब त्रिजुगीनारायण में फंसे यात्री, रेस्क्यू में जुटे सुरक्षा बल

रुद्रप्रयाग: केदारनाथ धाम पहुंचे श्रद्धालुओं को भी काफी परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं। प्रशासन की ओर से फंसे लोगों तक राहत पहुंचाने की कोशिश जारी है। इस बीच उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय ने बताया कि केदारनाथ में बुधवार रात को हुई भारी बारिश के कारण कई रास्ते क्षतिग्रस्त हो गए। विभिन्न जगहों पर फंसे तीर्थयात्रियों और स्थानीय लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू करने के लिए जिला प्रशासन व पुलिस समेत अन्य सुरक्षा बल लगातार कार्य में जुटे हैं। हर स्तर पर सभी लोगों के सुरक्षित रेस्क्यू करने के प्रयास किए जा रहे हैं।इस बीच, त्रिजुगीनारायण से ऊपर तोसी गांव में 8 से 10 यात्रियों के फंसे होने की जानकारी सामने आई है। इस सूचना के बाद एसडीआरएफ की रेस्क्यू टीम को मौके की ओर रवाना किया गया है। दूसरी ओर, रूद्रप्रयाग की एसपी डॉ. विशाखा अशोक भदाणे ने दावा किया है कि जिन लोगों का संपर्क परिजनों से नहीं हो पा रहा था, उनमें से काफी अपने घर सुरक्षित पहुंच गए हैं।

  केदारनाथ में आई आपदा के बाद से तीसरे दिन भी रेस्क्यू अभियान लगातार जारी है। केदारनाथ पैदल मार्ग पर बादल फटने की घटना के बाद से पुलिस कंट्रोल रूम में अब तक डेढ़ सौ से अधिक शिकायतें दर्ज की जा चुकी हैं, जिनका अपने परिजनों से संपर्क नहीं हो रहा है। अब तक 6,980 लोगों का रेस्क्यू हो चुका है। पुलिस का कहना है कि शनिवार तक रेस्क्यू कार्य पूरा होने की उम्मीद है। रेस्क्यू होने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी कि वास्तविक कितने मिसिंग है या नहीं। बता दें कि केदारनाथ में संचार सेवा ठप होने से मोबाइल सेवा बंद पड़ी है, वहीं बड़ी संख्या में यात्री जंगलों के रास्ते चौमासी पहुंच रहे हैं, इस रास्ते में भी मोबाइल सेवा नहीं है।

जिला पुलिस ने हेल्पलाइन नंबर 7579257572, 01364-233387 और आपातकालीन नंबर 112 जारी कर यात्रियों के परिजनों की कॉल्स पर जरूरी जानकारी दी जा रही है। भीमबली में रुके 150 यात्रियों ने प्रीपेड काउंटर पर लगे वाई-फाई नेटवर्क के माध्यम से अपने परिजनों से बातचीत कर उन्हें कुशलता की जानकारी दी। शुक्रवार को 599 लोगों को हेलीकॉप्टर सेवाओं से एयर लिफ्ट कर रेस्क्यू किया गया। जबकि, सोनप्रयाग से जंगल चट्टी के बीच फंसे 2024 और चौमासी में फंसे 161 तीर्थयात्रियों का रेस्क्यू किया गया। रेस्क्यू में जुटे लोगों का कहना है कि बारिश रेस्क्यू में बाधा डाल रही है। अब तक कुल 7,234 यात्रियों को हेलीकॉप्टर एवं मैनुअल तरीके से रेस्क्यू कर सुरक्षित निकाला गया है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, वन विभाग, संबंधित जिला पुलिस और फायर एवं इमरजेंसी सेवाओं की टीमें बचाव कार्य में जुटीं हैं।

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