पाकिस्तान ने वाघा बार्डर बंद करने का किया ऐलान, हवाई क्षेत्र भी बंद, जल संधि स्थगित करने पर आपत्ति

इस्लामाबाद: जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा उठाए गए सख्त कदमों के जवाब में पाकिस्तान ने भी गुरुवार को वाघा सीमा को बंद करने की घोषणा की है। यह ऐलान राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) की बैठक के बाद की गई। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस बैठक की अध्यक्षता की थी।
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान ने गुरुवार को सभी भारतीय स्वामित्व वाली और भारतीय संचालित एयरलाइनों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को तत्काल बंद करने की घोषणा की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि उसने भारत के साथ सभी प्रकार के व्यापार को निलंबित कर दिया है, जिसमें पाकिस्तान से होकर तीसरे देशों को जाने वाले सामान भी शामिल हैं। साथ ही उसने सिंधु जल संधि को स्थगित रखने के भारत के निर्णय पर भी आपत्ति जताई है।
भारतीय उपायों की समीक्षा
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) द्वारा जारी एक बयान के अनुसार बैठक में भाग लेने वालों ने राष्ट्रीय सुरक्षा माहौल और क्षेत्रीय स्थिति खासकर पहलगाम हमले के मद्देनजर चर्चा की। बयान में कहा गया कि पहलगाम में पर्यटकों की जान जाने पर चिंता व्यक्त करते हुए समिति ने 23 अप्रैल 2025 को घोषित भारतीय उपायों की समीक्षा की और उन्हें एकतरफा, अन्यायपूर्ण, राजनीति से प्रेरित, बेहद गैरजिम्मेदाराना और कानूनी योग्यता से रहित बताया।
शिमला समझौते को निलंबित कियडॉन की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान ने भी 1972 के शिमला समझौते को निलंबित कर दिया और कहा कि वह भारत के साथ वाघा सीमा को बंद कर देगा। पीएमओ के बयान में कहा गया है, “पाकिस्तान भारत के साथ सभी द्विपक्षीय समझौतों को स्थगित रखने का अधिकार रखता है, जिसमें शिमला समझौता भी शामिल है।
एनएससी ने फैसला किया, “पाकिस्तान वाघा सीमा चौकी को तत्काल प्रभाव से बंद कर देगा। इस मार्ग से भारत से सभी सीमा पार पारगमन को बिना किसी अपवाद के निलंबित कर दिया जाएगा और वैलिड इंडोर्समेंट के साथ उस मार्ग से वापस आने वालों को 30 अप्रैल की समय सीमा दी।”
पीएमओ के बयान में कहा गया है, “पाकिस्तान सिंधु जल संधि को स्थगित रखने की भारत की घोषणा को पूरी तरह से खारिज करता है।” बयान में कहा गया है कि यह संधि एक बाध्यकारी अंतरराष्ट्रीय समझौता है, जिसमें एकतरफा निलंबन का कोई प्रावधान नहीं है। एनएससी ने जोर देकर कहा, “पानी पाकिस्तान का एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय हित है, यह उसके 240 मिलियन लोगों की जीवनरेखा है और इसकी उपलब्धता को हर कीमत पर सुरक्षित रखा जाएगा।
पाकिस्तान की चेतावनी
पाकिस्तान ने चेतावनी दी, “सिंधु जल संधि के अनुसार पाकिस्तान के पानी के प्रवाह को रोकने या मोड़ने का कोई भी प्रयास और निचले तटवर्ती क्षेत्र के अधिकारों का हनन युद्ध की कार्रवाई के रूप में माना जाएगा और राष्ट्रीय शक्ति के पूरे स्पेक्ट्रम में पूरी ताकत से इसका जवाब दिया जाएगा।” (साभार न्यूज चैनल)