देहरादून बंद का आंशिक असर, प्रदर्शनकारी गिरफ्तार
-अपराधियों के बढ़ते आतंक के खिलाफ किया था बंद का आह्वान, प्रदर्शनकारियों ने छह नंबर पुलिया पर किया प्रदर्शन, जाम भी लगाया

देहरादून: रवि बडोला हत्याकांड, देहरादून की बिगड़ती कानून व्यवस्था और के अपराधियों के बढ़ते आतंक के खिलाफ आहूत देहरादून बंद का सीमित क्षेत्र में ही आंशिक असर दिखा। इस बीच, प्रदर्शन कर रहे मूल निवास-भूकानून समन्वय संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी समेत कई युवा नेताओं को पुलिस ने गिरफ्तार करके सुददोवाला जेल भेज दिया है। वहीं, दूसरी ओर काफी संख्या में अन्य प्रदर्शनकारी भी हिरासत में लिए गए हैं।
देहरादून बंद का आह्वान मूल निवास-भूकानून समन्वय संघर्ष समिति ने किया था। हालांकि, बुधवार शाम संघर्ष समिति ने आम लोगों की सुविधा और पर्यटक सीजन को देखते हुए बंद की अवधि को दोपहर 12 बजे तक सीमित कर दिया था। बिना पूर्व तैयारी के जल्दबाजी में आहूत इस बंद का असर काफी सीमित रहा। रायपुर, नेहरुग्राम, डोभाल चौक, छह नंबर पुलिया, बद्रीश कॉलोनी मंडी, रिंग रोड, जोगीवाला आदि क्षेत्रों में अधिकांश व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे। अलबत्ता, शहर के मुख्य बाजारों पर इसका असर नहीं दिखा और न ही कोई संगठन यहां बंद करने के लिए सड़कों पर ही उतरा। पुलिस ‘शक्ति’ से बंद को विफल करने के लिए सड़कों पर उतारी गई थी और उसने सुबह से ही प्रदर्शनकारियों व बंद समर्थकों के साथ ‘सख्ती’ शुरू कर दी थी।
छह नंबर पुलिया के पास कुछ देर जाम लगा कर प्रदर्शन किया गया। बंद समर्थक प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। इनमें काफी संख्या में पूर्व सैनिक, महिलाएं और स्थानीय लोग शामिल हैं। इस दौरान जमकर धक्कामुक्की की गई। हालांकि, हिरासत में लिए गए लोगों को छोड़ा जा रहा है। वहीं दूसरी ओर पूर्वाह्न संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। डिमरी के साथ संघर्ष समिति के देहरादून महानगर संयोजक अनिल डोभाल, प्रांजल नौडियाल, ललित श्रीवास्तव, दीप्ति रावत, देवचंद उत्तराखंडी, संजना बडोनी, देवेंद्र सिंह नेगी, यशवीर सिंह चौधरी व राहुल कोहली को भी गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तारी के बाद मोहित डिमरी और उनके साथियों को सुद्धोवाला जेल भेज दिया गया है।
गिरफ्तारी के बाद मीडिया को जारी बयान में मोहित डिमरी ने कहा कि आज मूल निवास भू कानून समन्वय संघर्ष समिति ने देहरादून बंद का आह्वान किया था। अधिकतर मूल निवासियों ने अपनी दुकानें बंद रखीं। राज्य में लगातार आपराधिक घटनाएं बढ़ रही हैं। उत्तराखंड के मूल निवासियों पर गोलियां चलाई जा रही है। उनकी हत्याएं हो रही है। उत्तराखंड में मूल निवासी सुरक्षित नहीं रह गए हैं। उन्होंने कहा कि आज मूल निवासी अपने सुरक्षित भविष्य के लिए जब सड़कों पर आंदोलन कर रहा है, तो उनका दमन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वह लंबे समय से मूल निवास और भू कानून की लड़ाई को लड़ रहे हैं। मूल निवास और भू कानून न होने की वजह से बाहर से बड़ी संख्या में अपराधी उत्तराखंड आ गए हैं। इन पर किसी तरह की नकेल नहीं कसी जा रही है।
संघर्ष समिति के संयोजक ने चेतावनी देते हुए कहा कि आज सिर्फ 10 से 12 बजे तक 2 घंटे का सांकेतिक बंद का आह्वान किया गया था। आपराधिक घटनाएं न रुकी और रवि बडोला को न्याय न मिला, तो संपूर्ण उत्तराखंड बंद का आह्वान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वह मूल निवासियों के सुरक्षित भविष्य और उनके अधिकारों के लिए अंतिम सांस तक लड़ते रहेंगे।