पवन शर्मा को मिला कृष्णा शर्मा साहित्य सम्मान
- राष्ट्रीय कवि संगम की काव्य गोष्ठी में बही गीत-ग़ज़लों की रसधार

देहरादून: राष्ट्रीय कवि संगम की महानगर इकाई की ओर से शुक्रवार को निर्माण विहार में आयोजित काव्य गोष्ठी में देर शाम तक गीत-ग़ज़लों की रसधार बही। तमाम कवियों ने जहां प्रेम पर गीत पढ़े, वहीं सामाजिक विसंगतियों पर भी तंज कसे। इस मौके पर स्मृति शेष कृष्णा शर्मा साहित्य सम्मान वरिष्ठ कवि पवन शर्मा को दिया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार असीम शुक्ल ने की, जबकि संचालन प्रसिद्ध ओज कवि श्रीकांत श्री ने किया।
कार्यक्रम की शुरुआत युवा कवयित्री महिमा श्री ने मां सरस्वती की वंदना से की। सबसे पहले पवन शर्मा को कृष्णा स्मृति सम्मान से सम्मानित किया गया। वरिष्ठ कवि कृष्ण दत्त शर्मा ने अपनी पत्नी स्मृति शेष कृष्णा शर्मा की याद में वर्ष 2024 से यह सम्मान शुरू किया था। पहला पुरस्कार गीतकार विजेंद्र पाल शर्मा को दिया गया था।
इसके बाद काव्य पाठ का सिलसिला शुरू हुआ। युवा कवि अवनीश मलासी ने शिव-गौरा संवाद से श्रोताओं का दिल जीत लिया। शोभा पाराशर ने अपनी कविता में हिंदी की महत्ता को उदघाटित किया। माहेश्वरी कनेरी, क्षमा कौशिक, झरना माथुर, मणि अग्रवाल मणिका, नीता कुकरेती, कविता बिष्ट, संगीता जोशी कुकरेती, इंदू अग्रवाल, निशा अतुल्य ने अपने प्रेम गीतों से वाहवाही लूटी। मीरा नवेली ने गंगा के रौद्र रूप को लेकर गीत सुनाया, जिसे सभी श्रोताओं ने खूब सराहा। श्रीकांत श्री ने अब्दुल हमीद पर गीत सुनाकर महफ़िल लूट ली। विजेंद्र पाल शर्मा ने परदेश गए बेटों की पीड़ा गाकर तालियां बटोरी। असीम शुक्ल ने भी मुक्त और गीत से वाहवाही लूटी। शिवशंकर कुशवाहा, राकेश बलूनी, शिवचरण शर्मा मुज़्तर, शादाब मशहदी, जसवीर सिंह हलधर, सत्य प्रकाश शर्मा, नरेंद्र दीक्षित, शिव मोहन सिंह, आनंद दीवान और दर्द गढ़वाली ने भी अपने गीत-ग़ज़लों से तालियां बटोरी।
इस मौके पर अनिल अग्रवाल, श्याम सिंह श्याम, विजेंद्र पाल सिंह आदि मौजूद थे।