प्रधानमंत्री गुरुवार को आएंगे उत्तराखंड, आपदाग्रस्त क्षेत्रों का करेंगे दौरा
-मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने परखी तैयारियां, जौलीग्रांट एयरपोर्ट का किया निरीक्षण, प्रधानमंत्री अपने भ्रमण के दौरान राज्य के लिए आर्थिक मदद की कर सकते हैं घोषणा

देहरादून: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को उत्तराखण्ड के आपदा प्रभावित क्षेत्रों के हवाई सर्वेक्षण एवं समीक्षा बैठक के लिए पहुंच रहे हैं। इसी क्रम में बुधवार को प्रधानमंत्री के उत्तराखण्ड आगमन पर आपदा प्रभावित क्षेत्रों के हवाई सर्वेक्षण एवं समीक्षा बैठक की तैयारियों का मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जॉलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचकर निरीक्षण किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सभी व्यवस्थाओं को समयबद्धता के साथ सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री जी का उत्तराखण्ड से विशेष लगाव है, यही कारण है कि आपदा के इस कठिन समय में हमें निरंतर उनका सहयोग एवं मार्गदर्शन मिलता रहा है। उल्लेखनीय है कि राज्य में में इस बार बारिश और आपदा के कारण राज्य को काफी आर्थिक नुकसान हुआ है, जिसे देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने केंद्र से 5702 करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज की मांग की है, जिसके लिए गृह मंत्रालय को मेमोरेंडम भी सौंपा गया है, जिसमें प्रदेश के आर्थिक नुकसान की पूरी रिपोर्ट है। केंद्र सरकार की टीम नुकसान का जायजा लेने के लिए उत्तराखंड का दौरा कर चुकी है। यह टीम पीएमओ के साथ ही केंद्रीय कार्यालय को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इसके बाद केंद्र उत्तराखंड के लिए बजट जारी करेगा। राज्य के तमाम आपदाग्रस्त क्षेत्र उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, पौड़ी गढ़वाल, बागेश्वर, नैनीताल और चमोली का केंद्रीय टीम ने स्थलीय निरीक्षण किया है। इस टीम में संयुक्त सचिव गृह मंत्रालय आर प्रसन्ना के अलावा टीम में अनुसूचित शेर बहादुर और अभियंता सुधीर कुमार के साथ-साथ उपनिदेशक विकास मुख्य अभियंता पंकज सिंह और निदेशक वीरेंद्र सिंह शामिल थे। उत्तराखंड के आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने भी इन अधिकारियों के साथ बैठक की थी।
आपदा में नुकसान का आंकड़ा:
– लोक निर्माण विभाग और सार्वजनिक सड़कों को 1163.84 करोड़
– सिंचाई विभाग की परिसम्पत्तियों को लगभग 266.65 करोड़
– ऊर्जा विभाग को 123.17 करोड़
– स्वास्थ्य विभाग की परिसम्पत्तियों को 4.57 करोड़
– विद्यालयी शिक्षा विभाग की परिसम्पत्तियों को 68.28 करोड़
– उच्च शिक्षा विभाग की परिसम्पत्तियों को 9.04 करोड़
– मत्स्य विभाग को 2.55 करोड़
– ग्राम्य विकास विभाग को 65.50 करोड़
– शहरी विकास को 04 करोड़
– पशुपालन विभाग को 23.06 करोड़
– अन्य विभागीय परिसम्पत्तियों को 213.46 करोड़ का नुकसान