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भारी बारिश में भी धरने पर डटे रहे पीटीए शिक्षक

- पीटीए शिक्षक वर्ष 2016 के बाद के शिक्षकों को भी मानदेय के दायरे में लाने के लिए कट आफ डेट तय करने की कर रहे मांग, शिक्षकों की नामावली मंगाने के बाद भी शिक्षा निदेशालय नहीं उठा रहा सकारात्मक कदम

देहरादून: प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत पीटीए शिक्षकों का शिक्षा निदेशालय पर धरना भारी बारिश के बावजूद जारी रहा। तमाम जनप्रतिनिधियों के समर्थन के बावजूद आंदोलनरत पीटीए शिक्षक राजकीय मानदेय से वंचित हैं।
शिक्षा निदेशालय में करीब 75 दिनों से धरनारत यह पीटीए शिक्षक वर्ष 2016 के बाद के शिक्षकों को भी मानदेय के दायरे में लाने के लिए कट आफ डेट तय करने की मांग कर रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि इन शिक्षकों की नामावली भी शिक्षा निदेशालय मंगा चुका है, लेकिन सकारात्मक कदम नहीं उठाया जा रहा है, जिससे यह शिक्षक आंदोलन को मजबूर हैं।
प्रबन्धकीय व्यवस्था में लगे ये शिक्षक उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्र के विषम भौगोलिक क्षेत्र के मूल निवासी है और विपरीत परिस्थितियों में आठ सालों से शिक्षण कार्य कर रहे हैं। इनमें से ज्यादातर शिक्षक अधिवर्ष उम्र के पड़ाव में हैं और उनके सामने अब आजीविका का महासंकट है, जिस कारण वे अब राजकीय मानदेय की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। इस दौरान वे तमाम अधिकारी व नेता मंत्रियों से भी मिल चुके हैं। वन मंत्री सुबोध उनियाल, विधायक विनोद चमोली, खजाने दास, सुरेश चौहान के अलावा खुद शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत से भी मिल चुके हैं, लेकिन आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला। शिक्षा मंत्री के आदेशानुसार कार्यरत पीटीए शिक्षकों की नामावली शासन में मंगवाने के आदेश हुये थे लेकिन कई महीनें बीतने के बाद भी इस पर कोई सुध नहीं ली जा रही है। जिससे शिक्षक परेशान हैं। ज्ञापन देने वालों में अध्यक्ष नीरज कुमार, कल्पना सेमवाल, रेखा पंवार, दीक्षा, सोनम राणा, उपेन्द्र बहुगुणा, विवेक, राजेश और मदन चतुर्वेदी आदि मौजूद रहे।

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