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मलिन बस्तियों को राहत, फिलहाल नहीं चलेगा बुल्डोजर

-सीएम धामी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक, इन प्रस्तावों पर हुई चर्चा, मानव-वन्य जीव संघर्ष निधि के तहत आर्थिक सहायता और आयुष्मान योजना का लाभ एक साथ दिए जाने की मंजूरी

देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में देहरादून सचिवालय में हुई कैबिनेट बैठक में 30 महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर चर्चा हुई। इनमें कई बड़े फैसले लिए गए, जो राज्य के आर्थिक विकास, रोजगार सृजन और ग्रामीण क्षेत्र के सशक्तिकरण की दिशा में अहम साबित होंगे।कैबिनेट ने स्थानीय आर्थिक विकास और रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।

इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस के जवानों को अब स्थानीय लोगों से भेड़, बकरी, मटन, मुर्गी और मछली की आपूर्ति की जाएगी। यह फैसला राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देगा और लगभग 20,000 स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान करेगा। इसके अलावा, इस निर्णय से स्थानीय बाजारों को करीब 200 करोड़ रुपये का आर्थिक लाभ होने की उम्मीद है।

बैठक में मानव-वन्य जीव संघर्ष निधि के तहत आर्थिक सहायता और आयुष्मान योजना का लाभ एक साथ दिए जाने की मंजूरी दी गई। इस योजना के तहत, जंगली जानवरों के कारण होने वाले नुकसान से पीड़ित लोगों को न केवल आर्थिक मदद मिलेगी, बल्कि उन्हें स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं का भी लाभ मिलेगा। कैबिनेट बैठक में मलिन बस्तियों को राहत देने के लिए भी महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। इससे उन लोगों को सहायता मिलेगी जो कई वर्षों से इन बस्तियों में रह रहे हैं और जिनके पास उचित सुविधाएं नहीं हैं। इस को लेकर सरकार ने 3 साल के लिए एक अध्यादेश लाया है अगले 3 सालों तक अब उन बस्तियों को तोड़ा नहीं जा सकेगा।

विकासनगर सिविल न्यायालय: बैठक में विकासनगर में सिविल न्यायालय के निर्माण के लिए 30 साल की लीज पर भूमि आवंटन का भी फैसला लिया गया। 358 वर्ग मीटर जमीन दी जाएगी, जिससे न्यायिक सेवाओं को और बेहतर बनाया जा सकेगा। कौशल विकास विभाग के तहत कैबिनेट ने छात्रों के लिए एक्सेलेंस सेंटर बनाने का निर्णय लिया। इन सेंटरों में छात्रों को कौशल सीखने के साथ-साथ उनके रहने और खाने की व्यवस्था भी की जाएगी। यह पहल राज्य के युवाओं को बेहतर शिक्षा और रोजगार के अवसर प्रदान करने में सहायक होगी।

राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री निःशुल्क गैस रिफिल योजना को अगले तीन साल तक बढ़ाने का निर्णय लिया है। इससे गरीब परिवारों को बड़ी राहत मिलेगी और उन्हें आर्थिक सहायता प्राप्त होगी। कैबिनेट ने वित्त विभाग के तहत जीपीएफ में अब 5 लाख रुपये तक की राशि जमा करने की सीमा तय की है। वहीं, ऊर्जा विभाग के तहत विधुत नियामक आयोग की वार्षिक रिपोर्ट को विधानसभा में पेश किए जाने को भी मंजूरी दी गई।

सैनिक कल्याण और शहरी विकास के अहम फैसले: सैनिक कल्याण विभाग के तहत शौर्य चक्र, कीर्ति चक्र, और वीर चक्र प्राप्त सैनिकों की वीरांगनाओं के लिए रोडवेज बजट से सहायता प्रदान की जाएगी। इसके अलावा, शहरी विकास विभाग में सेवा नियमावली में भी बदलाव किया गया है, जिससे 2007 से पहले पेंशन न पाने वाले कर्मचारियों को लाभ मिलेगा। इन सभी निर्णयों से राज्य में विकास की नई राहें खुलेंगी और सामाजिक तथा आर्थिक सुधारों को बढ़ावा मिलेगा।

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