उद्गार श्री सम्मान से नवाजे गए सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य डॉ. नीता कुकरेती और अशोक शर्मा
- साहित्यिक एवं सामाजिक मंच 'उद्गार' की ओर से शुक्रवार को शिक्षक दिवस पर हिंदी भवन में हुआ कार्यक्रम

देहरादून: साहित्यिक एवं सामाजिक मंच ‘उद्गार’ की ओर से शुक्रवार को हिंदी भवन में दो शिक्षकों को सम्मानित किया गया, जिसमें एसजीआरआर से सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य डॉ. नीता कुकरेती और केंद्रीय विद्यालय से सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य अशोक शर्मा शामिल हैं। शिक्षक दिवस पर आयोजित यह कार्यक्रम इसलिए भी खास रहा कि आज ही के दिन 30 साल पहले उद्गार की स्थापना हुई थी।
कार्यक्रम की शुरुआत प्रख्यात कवयित्री महिमा श्री ने मां सरस्वती की वंदना से की। इसके बाद वरिष्ठ साहित्यकार डॉली डबराल ने उद्गार की अब तक की यात्रा के बारे में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि उद्गार अब तक कई साहित्यकारों और शिक्षकों को सम्मानित कर चुका है। अपने 31 वर्ष के इस सफर में कई गोष्ठी के अलावा ग़ज़ल और छंद की कार्यशाला भी आयोजित कर चुका है।
इस मौके पर सम्मानित हस्ती डॉ. नीता कुकरेती ने उद्गार की पूरी टीम का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह उनका नहीं, बल्कि पूरे शिक्षक समाज का सम्मान है। दूसरी सम्मानित हस्ती अशोक शर्मा ने भी उद्गार के पदाधिकारियों का आभार व्यक्त करते हुए अपने अनुभव साझा किए। प्रख्यात शायर अंबर खरबंदा ने उद्गार की गतिविधियों की प्रशंसा की। डीएवी पीजी कॉलेज में संस्कृत के प्रोफेसर डॉ. रामविनय सिंह ने कहा कि राष्ट्र निर्माण में शिक्षक की महत्वपूर्ण भूमिका है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार कृष्ण दत्त शर्मा ‘कृष्ण’ ने कहा कि माता-पिता के बाद शिक्षक ही है, जो अपने शिष्य को बच्चे की तरह मानता है।
इससे पहले, उद्गार के अध्यक्ष शिवमोहन सिंह ने कहा कि उनकी संस्था गोपनीय तरीके से पुरस्कार के लिए व्यक्ति का चयन करती है। संस्था के महामंत्री पवन शर्मा ने कार्यक्रम का प्रभावी संचालन किया। वरिष्ठ साहित्यकार सतेंद्र शर्मा तरंग ने सभी अतिथियों का आभार जताया। इस मौके पर ओज के जाने-माने कवि श्रीकांत श्री, जसवीर सिंह हलधर, सत्यप्रकाश शर्मा सत्य, सोमेश्वर पांडेय, अनिल अग्रवाल, डॉ. इंदू अग्रवाल, राजपाल सिंह, डॉ. राकेश बलूनी, शिवचरण शर्मा मुज़्तर, धर्मेंद्र उनियाल, मणि अग्रवाल मणिका, स्वाति मौलश्री, संजय प्रधान, हरीश रवि, दर्द गढ़वाली, रविंद्र सेठ, नरेंद्र शर्मा आदि मौजूद थे।