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दुनिया को अलग नजरिये से देखती है ‘नदी की आँखें’

दून लाईब्रेरी में हुआ पर्वतारोही सुभाष तराण की पुस्तक का लोकार्पण

देहरादून: दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र की ओर से शुक्रवार सायं उत्तराखंड के लेखक और सुपरिचित पर्वतारोही सुभाष तराण की पुस्तक, ‘नदी की आँखें’ के दूसरे संस्करण का लोकार्पण किया गया। लोकार्पण से पूर्व राहुल पाटिल की लघु वृत्त चित्र ‘शिनकुन वेस्ट – ऐन आर्टिफिशियली फेल्ड एक्सपीडिशन का प्रदर्शन भी किया गया।

फ़िल्म के प्रदर्शन व पुस्तक लोकार्पण के पश्चात पुस्तक पर बातचीत भी की गई। इसमें सामाजिक व पर्यावरण विचारक बिजू नेगी ने पर्वतारोहण से संबंधित तथा पुस्तक में संकलित कहानियों और लेखक के जीवन के विविध पक्षों पर गहन बातचीत की।
पुस्तक में संकलित कहानियों के बारे में कहा गया कि यह जहां पाठकों को एक ओर पहाड़ के रोमांच से रूबरू कराती है, वहीं हाशिये पर पड़े लोगों का वास्तविक पक्ष सहज रूप से निर्भीकता व ईमानदारी के साथ सामने रखती है। बहुत छोटी- छोटी घटनाओं पर आधारित सरल बोली -भाषा के साथ एक दूसरे से नितांत भिन्न आस्वाद की इन कहानियों में कहीं यह सामूहिकता का उत्सव मनाती दिखती है तो कहीं अपने अकेलेपन से जूझती हुई दिखाई देती है।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के प्रोग्राम एसोसिएट चंद्रशेखर तिवारी ने सभागार में उपस्थित लोगों का स्वागत किया और अंत में धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर शिव प्रसाद जोशी, राजीव गुप्ता, डॉ. लालता प्रसाद, सुंदर सिंह बिष्ट, सुरेन्द्र सिंह सजवान, शीशपाल सिंह गुसाईं, सुवर्ण रावत, हरिओम पाली, कांता घिल्डियाल, उमा भट्ट, विजय शंकर शुक्ला सहित अनेक लेखक, साहित्यकार, घुमक्कड़, पाठकगण सहित युवा पाठक उपस्थित थे।

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