वरिष्ठ साहित्यकार शिक्षाविद् सुशील चंद्र डोभाल “उद्गार साहित्य शिरोमणि” सारस्वत सम्मान से हुए सम्मानित
रविवार को हिंदी भवन में हुआ कार्यक्रम, कई वरिष्ठ साहित्यकार कार्यक्रम का हिस्सा बने

देहरादून: उद्गार साहित्यिक एवं सामाजिक मंच देहरादून द्वारा वरिष्ठ साहित्यकार शिक्षाविद् सुशील चंद्र डोभाल को हिंदी साहित्य तथा शिक्षा के क्षेत्र में उनके सुदीर्घ सेवा एवं उत्कृष्ट अवदान के लिए उद्गार साहित्य शिरोमणि सारस्वत सम्मान से सम्मानित किया गया। सम्मान समारोह का आयोजन रविवार को यहां हिंदी भवन में किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता हिंदी साहित्य समिति के अध्यक्ष प्रो. राम विनय सिंह तथा महामंत्री हेमवती नंदन कुकरेती ने संचालन किया। सर्वप्रथम सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई।
इसके बाद उद्गार साहित्य एवं सामाजिक मंच देहरादून के अध्यक्ष शिव मोहन सिंह, महासचिव पवन शर्मा, कृष्ण दत्त शर्मा कृष्ण संरक्षक, उपाध्यक्ष संजय प्रधान, संयुक्त सचिव आनंद सिंह आनंद, कोषाध्यक्ष पवन कुमार सूरज, प्रचार सचिव सत्येंद्र शर्मा तरंग एवं कार्यकारिणी सदस्य नरेंद्र दीक्षित ने सुशील चंद्र डोभाल को सम्मान पत्र, अंग वस्त्र, फूल माला, श्रीफल स्मृति चिन्ह तथा पुस्तकें भेंट करके *उद्गार साहित्य शिरोमणि* सारस्वत सम्मान से सम्मानित किया।
इस अवसर पर संस्था के अध्यक्ष शिवमोहन सिंह ने कहा कि सुशील चंद्र डोभाल की साहित्य सेवा तथा शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट अवदान हम सब के लिए अनुकरणीय है। आपने इस सम्मान समारोह में सहयोग हेतु हिंदी साहित्य समिति का आभार भी व्यक्त किया। पवन शर्मा ने कहा कि डोभाल जैसे वरिष्ठ साहित्यकार का सम्मान करके उद्गार संस्था गौरवान्वित है। कुकरेती ने कहा- उद्गार संस्था द्वारा सुशील चंद्र डोभाल जैसे वरिष्ठ शिक्षाविद् का सम्मान पूरे साहित्य जगत का सम्मान है। प्रोफेसर राम विनय सिंह ने कहा कि उम्र के सौवें दशक में प्रवेश कर रहे वरिष्ठतम साहित्यकार शिक्षाविद् सुशील चंद्र डोभाल का कार्य साहित्य एवं समाज के लिए एक उत्कृष्ट अवदान है, जो हमेशा याद किया जाएगा। आपका का सम्मान साहित्य एवं समाज के लिए गौरव की बात है।
सम्मान समारोह में हिंदी साहित्य समिति के उपाध्यक्ष डॉ. राकेश बालूनी, संगीता शाह, दर्द गढ़वाली, सत्य प्रकाश शर्मा सत्य, रविंदर सेठ, डॉ. सीमा गुप्ता, डॉ. नीलम प्रभा वर्मा, झरना माथुर, बेलीराम कंसवाल तथा शहर के अन्य साहित्यकार एवं प्रबुद्ध जन उपस्थित रहे। डोभाल ने अपने आशीर्वचन से सभी साहित्यकारों को अभिश्चित करते हुए संस्था के प्रति आभार व्यक्त किया।