होली के त्योहार पर चंद्रग्रहण का साया

देहरादून: होली का त्योहार फाल्गुन पूर्णिमा के अगले दिन मनाते हैं, जबकि फाल्गुन पूर्णिमा की रात होलिका दहन होता है। इस साल होली के दिन साल का पहला चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। आपको बता दें कि चंद्र ग्रहण पूर्णमासी के दिन ही लगता है। यह चंद्र ग्रहण होली की सुबह में ही लग जा रहा है। ऐसे में लोग रंग और गुलाल कैसे खेलेंगे क्योंकि ग्रहण के समय में कोई भी शुभ कार्य करने की मनाही होती है। ऐसे में उज्जैन के महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिषाचार्य डॉ. मृत्युञ्जय तिवारी से जानते हैं कि क्या चंद्र ग्रहण के कारण इस साल होली के रंग में भंग पड़ेगा? चंद्र ग्रहण के कारण होली कब मनाएंगे?
इस साल रंगों का त्योहार होली 14 मार्च दिन शुक्रवार को मनाई जाएगी. पंचांग के अनुसार, इस वर्ष फाल्गुन पूर्णिमा तिथि 13 मार्च को सुबह 10 बजकर 35 मिनट से 14 मार्च को दोपहर 12 बजकर 23 मिनट तक है। 13 मार्च की रात होलिका दहन किया जाएगा और उसके अगले दिन होली मनाई जाएगी। हालांकि इस बार होलिका दहन पर भद्रा का साया है।
कब लग रहा है पहला चंद्र ग्रहण 2025?
साल का पहला चंद्र ग्रहण होली के दिन 14 मार्च को लगेगा। चंद्र ग्रहण का प्रारंभ सुबह में 09:29 बजे से होगा और इसका समापन दोपहर में 03:29 बजे होगा। चंद्र ग्रहण का सूतक काल 9 घंटे पहले ही प्रारंभ हो जाएगा। इसमें कोई भी शुभ कार्य नहीं होंगे।
आपको बता दें कि साल का पहला चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। इसके कारण यहां पर न तो चंद्र ग्रहण का कोई दुष्प्रभाव होगा और न ही इसका कोई सूतक काल मान्य होगा। ऐसे में होली के त्योहार पर चंद्र ग्रहण का साया नहीं होगा। आप 14 मार्च को हर्षोल्लास के साथ होली का त्योहार मनाएं। अपनों के साथ रंग और गुलाल खेलें।
14 मार्च को होली के दिन फाल्गुन पूर्णिमा का स्नान और दान भी किया जाएगा, जबकि 13 मार्च को फाल्गुन पूर्णिमा का व्रत रखा जाएगा। जो लोग व्रत रखेंगे, वे 13 मार्च को चंद्रमा को अर्घ्य देंगे और अगली सुबह स्नान-दान करेंगे। पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण भगवान की पूजा करें और कथा सुनें। फाल्गुन पूर्णिमा का स्नान करने के बाद दान दें। पितरों के लिए तर्पण, दान आदि करें। इस बार होली का त्योहार खुशियां मनाने के साथ ही साथ पुण्य प्राप्ति का भी अवसर लेकर आया है। रंग और गुलाल से अपनों के बीच के गिले-शिकवे दूर करें। स्नान और दान करके अपने नाराज पितरों को मनाएं।