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राजकीय शिक्षक संघ ने किया प्रधानाचार्य विभागीय भर्ती नियमावली का विरोध, आंदोलन को चेताया

राजकीय शिक्षक संघ की शाखा ने नियमावली निरस्त करने की मांग उठाई, कहा-इससे विभाग में शिक्षकों के पदोन्नति के अवसर होंगे खत्म

देहरादून/गोपेश्वर: राजकीय शिक्षक संघ की चमोली शाखा ने प्रधानाचार्य विभागीय भर्ती नियमावली 2022 को रद करने की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि यह नियमावली लागू होने से विभाग में शिक्षकों के पदोन्नति के अवसर खत्म हो जाएंगे। संघ के पदाधिकारियों ने इस संबंध में प्रांतीय कार्यकारिणी को ज्ञापन भेजा। उन्होंने एलान किया कि अगर यह नियमावली रद्द नहीं की गई तो आंदोलन किया जाएगा।
संघ के जिला अध्यक्ष प्रदीप भंडारी और महामंत्री प्रकाश सिंह चौहान ने कहा कि कैबिनेट में इस नियमावली के कुछ संशोधन प्रस्ताव स्वीकार किए गए हैं। संघ इसका विरोध करता है। कहा कि वर्तमान में प्रदेश में प्रधानाचार्यों के 1386 पद स्वीकृत हैं जो शत प्रतिशत पदोन्नति से ही भरे जाते हैं। हजारों शिक्षक प्रधानाध्यापक पद (जो कि प्रधानाचार्य का फीडर पद है) के लिए निर्धारित न्यूनतम अर्हताओं को पूरा करते हैं। शत प्रतिशत पदोन्नति से सरकार पर कोई भी व्यय भार नहीं पड़ेगा। सरकार बहुत कम समय में प्रधानाध्यापकों के पदों पर प्रमोशन कर उन्हें शिथिलीकरण व्यवस्था का लाभ देकर प्रधानाचार्यों के रिक्त पदों को भर सकती है। वर्तमान में प्रदेश में लगभग 90 फीसदी प्रधानाचार्यों/प्रधानाध्यापकों के पद रिक्त चल रहे हैं। जनपद चमोली में प्रधानाचार्यों के 128 स्वीकृत पदों में से मात्र 8 स्थायी प्रधानाचार्य हैं। इसी तरह 78 प्रधानाध्यापकों में से मात्र एक स्थायी प्रधानाध्यापक कार्यरत हैं। कहा कि पूर्व की भांति प्रधानाचार्यों के पदों को वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति से भरा जाए।

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