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उत्तराखंड हाईकोर्ट को शिफ्ट करने के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट की रोक

राज्य सरकार समेत संबंधित पक्षों से मांगा जवाब, अगली सुनवाई 8 जुलाई को 

नई दिल्ली/नैनीताल: सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड हाईकोर्ट के आठ मई के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें हाईकोर्ट को अन्यत्र शिफ्ट करने की बात कही गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार और संबंधित पक्षों से भी जवाब मांगा है। शुक्रवार को हाई कोर्ट बार एसोसिएशन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता पीवीएस सुरेश बहस ने की। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डीसीएस रावत ने इसकी पुष्टि की है। ये मामला अब छुट्टियों के बाद यानी 8 जुलाई के बाद लिस्टेड है।

   अपना पक्ष रखने के लिए देहरादून बार एसोसिएशन ने केविएट भी दाखिल किया था। सभी पक्षों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी है। हाई कोर्ट बार एसोसिएशन की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता पीबी सुरेश, विपिन नैर, बी विनोद कन्ना, एडवोकेट ऑन रिकार्ड, डॉक्टर कार्तिकेय हरि गुप्ता, पल्लवी बहुगुणा, हाई कोर्टबार एसोसिएशनअध्यक्ष डीसीएस रावत, सचिव सौरभ अधिकारी, बीड़ी पांडे, कार्तिक जयशंकर, रफत मुंतजिर अली, इरुम जेबा, विकास गुगलानी, योगेश पचोलिया, शगूफा खान, डॉक्टर सीएस जोशी और मीनाक्षी जोशी ने पक्ष रखा। वहीं, देहरादून बार एसोसिएशन की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा व सुप्रिया जुनेजा ने अपना अपना पक्ष रखा। देहरादून बार एसोसिएशन की तरफ से कहा गया कि नैनीताल में उच्च न्यायालय के विस्तार के लिए जगह कम है। उच्च न्यायालय में 70 प्रतिशत केस गढ़वाल डिवीजन के हैं। वादकारियों व अधिवक्ताओं के लिए प्रयाप्त सुविधाएं उपलब्ध नहीं है, इसलिए इसे शिफ्ट किया जाए।

उल्लेखनीय है कि आठ मई को मुख्य न्यायाधीश ऋतु बाहरी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने हाईकोर्ट को नैनीताल से कहीं और शिफ्ट करने का आदेश पारित करे थे। इसके साथ ही खंडपीठ ने शिफ्टिंग मामले में हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को अधिवक्ताओं व वादकारियों से राय लेने के लिए पोर्टल बनाने के निर्देश भी दिए थे।

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