साहित्य

हिंदी सबसे अधिक विकसित भाषा है- डॉ.दयाराम मौर्य ‘रत्न’

सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है हिन्दी- अमरेन्द्र मिश्र

प्राथमिक विद्यालय शमशेरगंज प्रतापगढ़ में हिन्दी उन्नयन संगोष्ठी का किया गया आयोजित

प्रतापगढ़ः विकास खण्ड लक्ष्मणपुर के प्राथमिक विद्यालय शमशेर गंज में हिन्दी पखवारा के अन्तर्गत हिंदी उन्नयन संगोष्ठी का आयोजन किया गया।कार्यक्रम की शुरुआत माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण से हुआ ।वाणी वन्दना डॉ. सच्चिदानंद त्रिपाठी ने किया।संयोजक डॉ. अरुण कुमार रत्नाकर ने अतिथियों का स्वागत अंगवस्त्र एवं माल्यार्पण से किया। विद्यालय के बच्चे आयुष, हुसैन, नितिन, साक्षी, शशी, सेजल आदि ने स्वागत गीत से अतिथियों का स्वागत किया।

मुख्य अतिथि जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान प्रतापगढ़ के हिंदी प्रवक्ता अमरेन्द्र कुमार मिश्र ने अपने उद्बोधन में कहा कि हिंदी भारत और विश्व में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है। उसकी जड़ें प्राचीन भारत की संस्कृत भाषा तक जाती हैं।अति विशिष्ट अतिथि संजय शुक्ल समाजसेवी ने कार्यक्रम संयोजक डॉ. अरुण कुमार रत्नाकर के प्रशंसा करते हुए विद्यालय के लिए एक दीवाल घड़ी भेंट किया ।विशिष्ट अतिथि श्रीनाथ मौर्य सरस की हिंदी पर कविता खूब सराही गई।

संदर्भदाता आशीष खरे ने ‘भारत देश प्यारा इसकी शान है हिंदी, हम देशवासियों की पहचान है हिंदी ‘सुनाया।पत्रकार अरविन्द दुबे ने हिंदी को अपनी बात रखने का एक सशक्त माध्यम बताया।शिक्षक डॉ.अरुण कुमार रत्नाकर ने कहा कि हिन्दी जन-जन की भाषा है और सबको अधिक से अधिक काम हिंदी में करना चाहिए।

अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में पूर्व बाल न्यायाधीश डॉ. दयाराम मौर्य ‘रत्न’ ने कहा कि हिन्दी साहित्य ने अपनी शुरुआत लोकभाषा कविता से की। उन्होंने कहा कि भारत के अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग शैलियां जन्मीं जिसमें हिंदी सबसे अधिक विकसित भाषा रही।संचालन वरिष्ठ साहित्यकार हरिवंश शुक्ल शौर्य ने किया ।कार्यक्रम में मुख्य रूप से विद्यालय के बच्चों सहित शिक्षा मित्र मीना गुप्ता, विमलेश गुप्ता, मिठाई लाल गौतम, प्रशान्त दुबे,गंगाराम विश्वकर्मा,रसोइया माधुरी प्रजापति, लालती गौतम,अजय केसरवानी आदि उपस्थित रहे।

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