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पंज प्यारों की अगुवाई में हेमकुंड साहिब के लिए पहला जत्था रवाना

- मुख्यमंत्री धामी ने राज्यपाल की उपस्थिति में दिखाई हरी झंडी 

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने गुरुवार को ऋषिकेश स्थित गुरुद्वारा साहिब से पंच प्यारों की अगुवाई में श्री हेमकुंड साहिब जी की यात्रा के प्रथम जत्थे को रवाना किया। उन्होंने वाहेगुरु जी से सभी श्रद्धालुओं की सुगम, सुरक्षित और दिव्य यात्रा की प्रार्थना की।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि श्री हेमकुंड साहिब जी की यात्रा न केवल आध्यात्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक और पर्यावरणीय चेतना का भी जीवंत स्वरूप है। प्रदेश सरकार इस पुण्य यात्रा को अधिक सुविधायुक्त और सुरक्षित बनाने के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु यात्रा मार्ग पर रोप-वे निर्माण की प्रक्रिया आरंभ की गई है। साथ ही, धाम परिसर में पेयजल, बिजली और गर्म पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं भी सुदृढ़ कर दी गई हैं।

इस वर्ष गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस को पूरे प्रदेश में श्रद्धा, आदर और सम्मान के साथ मनाया जाएगा। यह हमारे महान संतों के बलिदान और शिक्षा पर आधारित संस्कृति का गौरवशाली स्मरण होगा। की उपस्थिति में दिखाई हरी झंडी
देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने गुरुवार को ऋषिकेश स्थित गुरुद्वारा साहिब से पंच प्यारों की अगुवाई में श्री हेमकुंड साहिब जी की यात्रा के प्रथम जत्थे को रवाना किया। उन्होंने वाहेगुरु जी से सभी श्रद्धालुओं की सुगम, सुरक्षित और दिव्य यात्रा की प्रार्थना की।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि श्री हेमकुंड साहिब जी की यात्रा न केवल आध्यात्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक और पर्यावरणीय चेतना का भी जीवंत स्वरूप है। प्रदेश सरकार इस पुण्य यात्रा को अधिक सुविधायुक्त और सुरक्षित बनाने के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु यात्रा मार्ग पर रोप-वे निर्माण की प्रक्रिया आरंभ की गई है। साथ ही, धाम परिसर में पेयजल, बिजली और गर्म पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं भी सुदृढ़ कर दी गई हैं।

इस वर्ष गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस को पूरे प्रदेश में श्रद्धा, आदर और सम्मान के साथ मनाया जाएगा। यह हमारे महान संतों के बलिदान और शिक्षा पर आधारित संस्कृति का गौरवशाली स्मरण होगा।

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