उत्तराखंडदुर्घटना

एक साथ उठी कई अर्थियां, गांवों में पसरा मातम 

बाजार रहा बंद, कमानी टूटने से हुआ हादसा 

पौड़ी गढ़वाल: अल्मोड़ा बस हादसे में जान गंवाने वाले 36 लोगों में से 27 लोग पौड़ी के रहने वाले थे। इन लोगों की मौत के बाद धुमाकोट की गूजडू़ पट्टी के किनाथ व बराथ समेत आसपास के गांवों में सन्नाटा पसरा हुआ है। हादसे में किसी ने अपने माता-पिता तो किसी ने अपने भाई-बहन को खो दिया। हादसे के बाद यूजर्स कंपनी की मंगलवार को कोई दूसरी बस सेवा नहीं चली। गांव के बाजार बंद रहे। परिवहन कंपनी की ओर से सोमवार रात को क्षेत्र में भेजी गई एक बस से बराथ के ग्रामीण चार शवों को लेकर अंतिम संस्कार के लिए हरिद्वार ले गए। प्राथमिक जांच में माना जा रहा है कि हादसा बस की कमानी टूटने से हुआ।

किनाथ गांव के दो मृतकाें पति पत्नी प्रवीण और मीना का शव पोस्टमार्टम के बाद परिजन गांव ले आए थे। जिनका अंतिम संस्कार गमगीन माहौल में गांव से करीब 4 किमी दूर पैतृक घाट पर हुआ। प्रवीण और मीना दोनों की शादी इसी साल मई में हुई थी। उनके वृद्ध पिता भजन सिंह और मां गोदांबरी देवी का रो-रोकर बुरा हाल है। परिजन नियति को कोस रहे हैं। इसी गांव की एक महिला दमंयती देवी (76) का शव परिजन पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार के लिए रामनगर ले गए हैं। वह गांव में अकेली रहती थी। और बच्चों के पास जाने के लिए उस अभागी बस में सवार हुई थी।

 

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