साहित्य

नाम मेरे इक ख़ुशी कर दीजिए

दर्द गढ़वाली की ग़ज़ल

ग़ज़ल

नाम मेरे इक ख़ुशी कर दीजिए।
ज़िंदगी को ज़िंदगी कर दीजिए।।

चारसू है तीरगी फैली हुई।
आप आकर रोशनी कर दीजिए।।

ज़िंदगी में रंग कुछ भर दीजिए।
तितलियों सी ज़िंदगी कर दीजिए।।

हो न जाए खाक ख़्वाबों का महल।
दूर आंखों से नमी कर दीजिए।।

चाक पर है जिंदगी, आकार दो।
आप कुछ कूजागरी कर दीजिए।।

दर्द गढ़वाली, देहरादून
09455485094

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