कविता में गेयता के साथ भाव पक्ष भी जरूरी
- वरिष्ठ पत्रकार कवि बृजेंद्र हर्ष की दो पुस्तकों *गीत गंधा* तथा *गीतिका प्रवाह* का लोकार्पण, वरिष्ठ कवि असीम शुक्ल, शिव मोहन सिंह और शादाब मशहदी समेत कई साहित्यकार शब्द गंगा साहित्य सम्मान से सम्मानित

हरिद्वार: आल मीडिया जर्नलिस्ट संगठन उत्तराखंड हरिद्वार के तत्वावधान में पिछले दिनों साहित्य सृजनकार सम्मान एवं पुस्तक लोकार्पण समारोह का भव्य आयोजन किया गया, जिसमें वरिष्ठ पत्रकार और कवि बृजेंद्र हर्ष की दो पुस्तकों *गीत गंधा* तथा *गीतिका प्रवाह* का लोकार्पण किया गया।
इस मौके पर कार्यक्रम अध्यक्ष वरिष्ठ साहित्यकार असीम शुक्ल ने महाकवि निराला के बहाने कविता के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि नये कवियों को गेयता के साथ भाव पक्ष का भी ध्यान रखना चाहिए। मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. धनंजय सिंह ने ब्रिजेंद्र हर्ष की किताबों पर चर्चा करते हुए उनकी रचनाओं को अतुलनीय बताया।
वरिष्ठ कवि शिवमोहन सिंह ने कहा कि ब्रिजेंद्र हर्ष के गीतों में माटी की सोंधी गंध, प्रेम का सहयोग-वियोग, आशा- निराशा का द्वंद व देश और समाज के प्रति दायित्व बोध जैसे कई भाव अभिव्यक्ति पाते हैं और काव्य में आकर्षण उत्पन्न करते हैं। आपके काव्य में सघन अनुभूतियाँ, गहरे भाव बोध, रागात्मक संवेदनाएं आपकी कविता को रेखांकित करती हैं। हर्ष कृत दोनों काव्य ग्रंथ- “गीत गंधा” तथा “प्रवाह माधुरी” साहित्य और समाज के लिए निश्चित रूप से उपयोगी सिद्ध होंगे तथा कवि हर्ष को श्री वृद्धि प्रदान करेंगे।
वरिष्ठ कवि और पत्रकार ब्रिजेंद्र हर्ष ने अपनी काव्य यात्रा पर विस्तार से बात की। कार्यक्रम में लखनऊ से पधारी डॉ. प्रेमलता त्रिपाठी, वरिष्ठ शायर भूपेंद्र सिंह होश, सहारनपुर से आए वरिष्ठ गीतकार डॉ. विजेंद्र पाल शर्मा, देहरादून से शादाब अली, रुड़की से कृष्ण सुकुमार तथा डॉ. महेश मधुकर ने भी विचार व्यक्त किए।
इससे पहले, अतिथिगण द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के बाद कवयित्री डॉ. राजरानी भल्ला द्वारा सरस्वती वंदना से कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम में आमंत्रित साहित्यकारों को काव्य साहित्य में उनके उत्कृष्ट सृजन सहयोग हेतु *शब्द गंगा साहित्य सम्मान* से सम्मानित भी किया गया। हरिद्वार नगर के कवि, साहित्यकार तथा प्रबुद्धजन भी मौजूद थे।