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राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका अहम: ललित जोशी

एनआईवीएच सभागार में एड्स नियंत्रण एवं नशा मुक्त उत्तराखंड विषय पर हुई राज्यस्तरीय विचार गोष्ठी 

देहरादून: अन्तर्राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर  देहरादून के राजपुर रोड स्थित एनआईवीएच सभागार में उत्तराखंड राज्य एड्स नियंत्रण समिति द्वारा एचआईवी/एड्स की रोकथाम, जागरूकता तथा नशा मुक्त उत्तराखंड विषय पर एक राज्य स्तरीय विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम में सीआईएमएस एंड यूआईएचएमटी ग्रुप ऑफ कॉलेज एव सजग इंडिया उत्तराखंड, देहरादून के अध्यक्ष एडवोकेट ललित मोहन जोशी ने कहा कि भारत युवाओं का देश है, और पूरे विश्व की नजर हमारे युवाओं पर हैं। युवा शक्ति किसी भी राष्ट्र की रीढ़ होती है। जिस दिशा में युवा सोचते हैं, वही दिशा देश को मिलती है। उन्होंने युवाओं को नकारात्मक प्रवृत्तियों से दूर रहकर समाज सेवा, स्वास्थ्य, शिक्षा और पर्यावरण संरक्षण जैसे सकारात्मक कार्यों में भाग लेने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि आज युवाओं को संस्कार युक्त शिक्षा देने की भी आवश्यकता है। कुछ युवा शक्ति नशे की ओर तेजी से बढ़ रही है। नशा न सिर्फ एक परिवार को खत्म करता है बल्कि राष्ट्र निर्माण में भी बाधक बनता है। उन्होंने युवाओं से न शे से दूर रहने की अपील करते हुए कहा कि नशा न सिर्फ हमारे युवाओं को खोखला कर रहा है बल्कि देश की जड़ों को भी कमजोर कर रहा है। आज आतंकवाद को सबसे ज्यादा फंडिग नशे के कारोबार से हो रही है। इसलिए हमें नशे से दूर रहकर सशक्त राष्ट्र नींव रखनी है।
कार्यक्रम का स्वागत संबोधन डॉ. अमित शुक्ला द्वारा किया गया। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड राज्य एड्स नियंत्रण समिति के माध्यम से एचआईवी/एड्स की रोकथाम व जागरूकता हेतु विविध योजनाएं संचालित की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार एवं गैर-सरकारी संगठनों के सहयोग से जागरूकता शिविर, मोबाइल हेल्थ क्लिनिक, युवा संवाद, और स्कूल-कॉलेजों में सेमिनार जैसे कार्यक्रम निरंतर चल रहे हैं। डॉ. शुक्ला ने युवाओं से आह्वान किया कि वे जानकारी के ब्रांड एंबेसडर बनें और ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में सही जानकारी का प्रसार करें।

उपनिदेशक सूचना एवं लोकसंपर्क विभाग, रवि बिरजानियां ने भी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए युवाओं को क्वालिटी एजुकेशन के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि शिक्षा ही युवाओं को आत्मनिर्भर और राष्ट्र के लिए उपयोगी नागरिक बना सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि नशे से युवाओं को दूर रखने के लिए सामूहिक प्रयास आवश्यक हैं, जिसमें सरकार, समाज और युवा स्वयं मिलकर बदलाव ला सकते हैं।

गोष्ठी में “हंसा कला ग्रुप” द्वारा प्रस्तुत नुक्कड़ नाटक ने कार्यक्रम में विशेष रंग भरा। नाटक में एचआईवी/एड्स के फैलने के कारण, बचाव के उपाय, और नशे के दुष्परिणामों को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया गया। प्रस्तुति ने युवाओं को यह समझाया कि किस प्रकार अज्ञानता और सामाजिक भ्रांतियां रोग को बढ़ावा देती हैं, और शिक्षा व जागरूकता से इसे रोका जा सकता है।

कार्यक्रम के मंच संचालन का उत्तरदायित्व अनिल वर्मा ने संभाला। उन्होंने सरल भाषा में एचआईवी/एड्स से बचाव के उपाय बताए और कहा कि जानकारी ही सबसे बड़ी सुरक्षा है। अंत में उन सभी संगठनों और व्यक्तियों को सम्मानित किया गया, जो उत्तराखंड में वर्षों से एचआईवी/एड्स जागरूकता और सामाजिक सेवा में सक्रिय हैं।
गोष्ठी में उत्तराखंड के विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों के छात्र, एनजीओ प्रतिनिधि, और स्वयंसेवकों ने भाग लिया। प्रतिभागियों ने अपने विचार साझा किए और जागरूकता फैलाने का संकल्प लिया। अंत में उन सभी संगठनों और व्यक्तियों को सम्मानित किया गया, जो उत्तराखंड में वर्षों से एचआईवी/एड्स जागरूकता और सामाजिक सेवा में सक्रिय हैं। उन्हें प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में अपर परियोजना निदेशक डॉ. अमित शुक्ला, सूचना एवं लोकसंपर्क विभाग के उपनिदेशक रवि बिरजानियां, हुडको के रीजनल हेड संजय भार्गव, सामाजिक कार्यकर्ता अनिल वर्मा सहित सैकड़ों छात्र-छात्राएं और गैर-सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए।

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