पितृपक्ष आज से, नहीं करें नई चीजों की खरीदारी

देहरादून: हिंदू पंचांग के अनुसार पितृ पक्ष का समय अपने पूर्वजों को समर्पित होता है। इस साल पितृ पक्ष 7 सितंबर से शुरू होकर 21 सितंबर तक चलेंगे। इन 15 दिनों में श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दौरान किए गए कर्म और दान-पुण्य सीधे पितरों तक पहुंचते हैं और उनका आशीर्वाद परिवार पर बना रहता है।
किन चीजों की खरीदारी से बचें?
पंडितों और ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि पितृ पक्ष के दौरान कुछ चीजों की खरीदारी करना अशुभ माना जाता है। अगर कोई इन दिनों नियमों की अनदेखी करता है, तो पितरों का आशीर्वाद कम हो सकता है और परिवार में पितृ दोष बढ़ने की आशंका रहती है।
प्रॉपर्टी और वाहन
पितृ पक्ष में मकान, जमीन, दुकान या फ्लैट खरीदना वर्जित है। इसी तरह, नए वाहन लेने से भी परहेज करना चाहिए। ज्योतिषाचार्य मानते हैं कि इस समय खरीदी गई संपत्ति या वाहन शुभ फल नहीं देते और परिवार में अनावश्यक कलह ला सकते हैं।
गहने और कपड़े
सोने-चांदी के गहनों और नए कपड़ों की खरीदारी भी इन 15 दिनों में अशुभ मानी जाती है। परंपरा है कि श्राद्ध के दिनों में पुराने या साधारण वस्त्र पहनकर ही अनुष्ठान किए जाएं।
नए बर्तन और इलेक्ट्रॉनिक्स सामान
घर के लिए नए बर्तन, फ्रिज, वॉशिंग मशीन, कंप्यूटर जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण खरीदना भी मना है। श्राद्ध कर्म के लिए पुराने बर्तनों या पत्तलों का ही उपयोग करना शुभ माना जाता है।
आचार्य पं. गणेश जोशी के अनुसार, “पितृ पक्ष के दिनों में पूर्वज धरती पर आते हैं। ऐसे में इन दिनों विलासिता से जुड़ी वस्तुएं खरीदना या नए काम शुरू करना पितरों को रास नहीं आता। इन 15 दिनों को पूरी श्रद्धा और संयम के साथ बिताना चाहिए। श्राद्ध, तर्पण और दान-पुण्य करने से पितरों की कृपा बनी रहती है और परिवार में सुख-शांति आती है।”
पितृ पक्ष आत्माओं की शांति और पूर्वजों की स्मृति को समर्पित समय है। इस दौरान श्रद्धा और परंपरा का पालन करना हर परिवार के लिए लाभकारी माना गया है। अनावश्यक खरीदारी से बचकर और श्राद्ध कर्म में शामिल होकर आप न केवल अपने पितरों को तृप्त कर सकते हैं, बल्कि जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और आशीर्वाद भी प्राप्त कर सकते हैं।