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डीएम का कई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर छापा, अनियमितताएं मिलीं

देहरादून: शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) में बढ़ती अनियमितताओं की शिकायतों के बाद, जिलाधिकारी सविन बंसल के नेतृत्व में जिला प्रशासन ने बुधवार को शहरी पीएचसी पर अचानक छापेमारी की। इस औचक निरीक्षण से पीएचसी में हड़कंप मच गया।

जिलाधिकारी के साथ मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह, एसडीएम हरी गिरी और एसडीएम अपूर्वा सिंह ने सुबह 9 बजे से एक साथ अलग-अलग पीएचसी पर जांच शुरू कर दी। इस कार्रवाई में जाखन, गांधीग्राम, चूना भट्ठा, अधोईवाला, कारगी, रीठामंडी, बकरालवाला, खुड़बुड़ा, सीमाद्वार, दीपनगर, माजरा और बीएस कॉलोनी के पीएचसी शामिल थे।

निरीक्षण के दौरान, अक्षांस/चित्रांश जेवीके प्रा. लि. द्वारा संचालित कई पीएचसी में मानक के अनुरूप सुविधाएं और व्यवस्थाएं नहीं पाई गईं. इनमें डॉक्टरों की अनुपस्थिति, स्टाफ की गलत हाजिरी, दवाओं की कमी, और साफ-सफाई व सुरक्षा में लापरवाही जैसी गंभीर अनियमितताएं सामने आईं। टीकाकरण के लिए अनिवार्य जनरेटर सेट और कोल्ड चेन उपकरण भी गायब मिले. मरीजों के लिए बैठने की उचित व्यवस्था और पीने के पानी की कमी भी पाई गई. कई केंद्र तो बेहद खराब स्थिति में, ‘काल कोठरी’ जैसी जगहों पर संचालित हो रहे थे।

जिलाधिकारी ने जाखन और गांधीग्राम पीएचसी में स्टाफ, डॉक्टर, नर्स, एएनएम की कमी, पर्याप्त दवा, उपकरणों का अभाव और साफ-सफाई की बदहाली पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारी को तत्काल सुधार के निर्देश दिए और स्टाफ की 3 महीने की बायोमेट्रिक उपस्थिति का विवरण प्रस्तुत करने के आदेश दिए।

मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह ने चूना भट्ठा, अधोईवाला और कारगी पीएचसी में भी गंभीर खामियां पाईं, जिनमें स्टाफ की अनुपस्थिति और चिकित्सा उपकरणों के संचालन में अक्षमता शामिल थी।

इन गंभीर अनियमितताओं के मद्देनजर, जिला प्रशासन ने अक्षांस/चित्रांश जेवीके प्रा. लि. पर 5 लाख का प्रारंभिक अर्थदंड लगाया है और फर्म के अनुबंध निरस्तीकरण की सिफारिश मुख्य सचिव से की है। एमओयू की समीक्षा की जा रही है और भारी अर्थदंड की कार्रवाई संभव है।

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