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अमरनाथ नम्बूद्री होंगे बद्रीनाथ धाम के नए रावल

-मौजूदा पुजारी रावल ईश्वर प्रसाद नम्बूद्री ने स्वास्थ्य कारणों से दिया इस्तीफा, 15 जुलाई से भगवान बद्री विशाल की पूजा अर्चना करेंगे अमरनाथ नम्बूद्री जी 

 चमोली: चार धामों में से एक प्रमुख धाम बद्रीनाथ के मुख्य पुजारी के नाम की घोषणा कर दी गई है। वर्तमान पुजारी रावल ईश्वर प्रसाद नम्बूद्री की जगह अमरनाथ नम्बूद्री लेंगे। वे 15 जुलाई से भगवान बद्री विशाल की पूजा-अर्चना प्रारंभ करेंगे। ईश्वर प्रसाद नम्बूद्री के त्याग पत्र देने के बाद अमरनाथ नम्बूद्री मुख्य पुजारी की जिम्मेदारी संभालेंगे।

   उल्लेखनीय है कि वर्तमान रावल ईश्वर प्रसाद नम्बूद्री पारिवारिक कारणों और स्वास्थ्य अनुकूल न होने की वजह से त्यागपत्र देंगे। इसके बाद 14 जुलाई को नए रावल अमरनाथ नम्बूद्री का तिल पात्र होगा। उसके अगले दिन से वे बद्रीनाथ धाम में भगवान बद्री विशाल की पूजा-अर्चना करेंगे।

बद्रीनाथ धाम के कपाट 12 मई को खोले गए थे और इसके कपाट 9 नवंबर को बंद होंगे। बद्रीनाथ समेत अन्य तीन धामों के प्रमुख मंदिरों के कपाट सिर्फ 6 महीने के लिए ही खुले रहते हैं। सर्दियों में चार धाम के मंदिरों के कपाट बंद रहते हैं।

   भगवान विष्णु का वास बद्रीनाथ धाम उत्तराखंड के चमोली जिले में अलकनंदा नदी के किनारे है। यहां पर भगवान विष्णु का वास होता है। बद्रीनाथ धाम में श्रीहरि का विशाल मंदिर है, जहां श्री नारायण विश्राम करते हैं। कहा जाता है कि भगवान विष्णु ने स्वयं ही बद्रीनाथ धाम की स्थापना की थी। बद्रीनाथ धाम में भगवान विष्णु नर और नारायण के रुप में विराजमान हैं। उनके साथ माता लक्ष्मी, गणेश जी, उद्धव जी और कुबेर की पूजा होती है।

 

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यह है रावल बनने की प्रक्रिया

बद्रीनाथ धाम में नए रावल बनने की प्रक्रिया वर्षों से चली आ रही है। बद्रीनाथ धाम के पूर्व धर्म अधिकारी भुवन चंद्र उनियाल ने बताया कि, 1987 में उनके द्वारा रावल का तिलपात्र किया गया था। मंदिर के नए रावल के लिए पुजारी का मुंडन संस्कार तिलपात्र किया जाता है। उन्हें पंचतीर्थ का भ्रमण कराया जाता है। बद्रीनाथ धाम में तप्तकुंड, अलकनंदा नदी, नारद कुंड, प्रहलाद धारा, कुर्म धारा, ऋषि गंगा में स्नान भी कराया जाता है।

 

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यह हैं अब तक के रावल

श्री गोपाल नम्बूद्री 1776 से 1786

श्री रामचंद्र राम ब्रह्म रघुनाथ नम्बूद्री 1785 से 1786

नीलदंंत नम्बूद्री 1786 से 1791

श्री सीताराम 1791 से 1802

श्री नारायण प्रथम 1802 से 1816

श्री नारायण नम्बूद्री 1816 से 1841

श्री कृष्णा नम्बूद्री 1841 से 1845

श्री नारायण नम्बूद्री तृतीया 1845 से 1859

श्री पुरोषोत्तम नम्बूद्री 1859 से 1900

श्री वासुदेव नम्बूद्री प्रथम 1900 से 1901

श्री रामा नम्बूद्री 1901 से 1905

वासुदेव नम्बूद्री प्रथम पुनः 1905 से 1942

श्री वासुदेव नम्बूद्री द्धितीय 1942 से 1946

कलमल्ली कृष्णा नम्बूद्री 1940 से 1967

श्री वी केशवन 1967 से 1971

श्री वासुदेव नम्बूद्री द्वितीय पुनः 7 दिन के लिए

श्री सीबीजी विष्णु गणपति 1971 से 1987

श्री नारायण नम्बूद्री 1987 से 1991

श्री पी श्रीधर नम्बूद्री 1991 से 1994

पी विष्णु नम्बूद्री 1994 से 2001

वीपी बद्री प्रसाद नम्बूद्री 2001 से 2009

श्री केशवन नम्बूद्री द्धितीय 2009 से 2014

श्री बी ईश्वर प्रसाद नम्बूद्री 2014 से 2023

 अब अमरनाथ प्रसाद नम्बूद्री बद्रीनाथ धान के नए रावल होंगे।

 

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