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विपक्ष ने भ्रष्टाचार मुद्दे पर धामी सरकार को घेरा, हंगामा

- विधासभा सत्र के चौथे दिन सदन में गूंजा अवैध खनन, जार्ज एवरेस्ट लीज और उद्यान विभाग घोटाला -संसदीय कार्य मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल ने विपक्ष के आरोपों को ग़लत बताया, कहा विपक्ष बात नहीं सुनना चाहता

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा सत्र के चौथे दिन शुक्रवार को विपक्ष ने सदन में नियम 58 के तहत भ्रष्टाटाचार के मुद्दे पर सत्ता पक्ष को घेरने की कोशिश की। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने भ्रष्टाचार को मामले को लेकर खुलकर धामी सरकार को घेरा। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा राज्य में हर जगह भ्रष्टाचार का बोलबाला है। उन्होंने कहा उत्तराखंड बाहर से विभागों में अधिकारी आयतित हो रहे हैं। राज्य में अवैध खनन जोरों से चल रहा है. उन्होंने कहा उद्यान विभाग में महाघोटाला हुआ। सीबीआई जांच में एक उच्चाधिकारी के खिलाफ आरोप भी साबित हुआ, लेकिन सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर सीबीआई जांच को रुकवाने की कोशिश की। खड़िया का अवैध खनन भी हाईकोर्ट के आदेश पर रुक सका।
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि जमरानी और सौंग में नियमों की अनदेखी करते हुए ठेके आवंटित कर दिए गए। हिल स्टेशन मसूरी में पर्यटन विकास परिषद की जार्ज एवरेस्ट स्थित 142 एकड़ जमीन को एक अधिकारी ने 1 करोड़ रुपये सालाना पर चहेती कंपनी को 15 साल के लिए किराया पर दे दिया। सरकार व अधिकारियों को ये अधिकार किसने दिया। उन्होंने कहा एशियन बैंक से 23 करोड़ रुपये लोन लेकर उसका समतलीकरण किया गया और उसके बाद चहेतों को बांट दी गई। यशपाल आर्य ने पूर्व मुख्यमंत्री और हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा हरिद्वार जिले में अवैध खनन और भ्रष्टाचार मामले को लोकसभा में उठाने का हवाला देते हुए धामी सरकार को कठघरे में खड़ा किया।
उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी ने भी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा सरकार ने भ्रष्टाचार के नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। आरोप लगाया कि सरकार अवैध निर्माण के खिलाफ बुलडोजर अभियान चला रही, लेकिन दूसरी तरफ अपने चहेतों को सस्ती दरों में जमीन आवंटन कर रही है। उन्होंने कहा प्रदेश में एनएच घोटाला करने वालों को सरकार क्लीन चिट दे दी जाती है। आउटसोर्स से बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया जा रहा है, जिसमे कंपनियां 6 महीने का वेतन देकर भाग जा रही हैं। युवा इसके बाद सैलरी के लिए भटक रहे हैं। कापड़ी ने डिजिटल बोर्ड घोटाले का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा डिजिटल बोर्ड, जिनकी कीमत एक लाख है, सरकार ने ढाई- ढाई लाख रुपए में खरीद कर बड़ा घोटाला किया है, जिसकी जांच की जानी चाहिए। शराब के एक साल पुराने बैच की बिक्री का मामला भी उठा। कांग्रेस विधायक अनुपमा रावत और ममता राकेश ने भी खनन और भ्रष्टाचार मामले में सरकार पर आरोप लगाए।
संसदीय कार्य मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल ने जार्ज एवरेस्ट लीज मामले में भ्रष्टाचार के विपक्ष के आरोपों को ग़लत बताते हुए सरकार का बचाव किया और सही बात नहीं सुनना चाहता। कहा कि पर्यटन विकास परिषद को पांच साल में सिर्फ़ 18 लाख की कमाई हुई, जबकि अब एक साल में ही 1.20 करोड़ रुपए की कमाई हो रही है, जो गलत नहीं है।

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