
ग़ज़ल
वो हमें आसरा नहीं देंगे।
दर्द की कुछ दवा नहीं देंगे।।
ज़ीस्त की वो दुआ नहीं देंगे।
वो वफ़ा का सिला नहीं देंगे।।
हम मुहब्बत के गीत गाएंगे।
‘नफ़रतों को हवा नहीं देंगे’।।
खून में है वफ़ा हमारे तो।
हम किसी को दगा नहीं देंगे।।
मौत से उनकी पासदारी है।
ज़िंदगी का पता नहीं देंगे।।
दर्द गढ़वाली, देहरादून
09455485094