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नवोदित प्रवाह की गोष्ठी में बरसे काव्य के विविध रंग 

-नार्वे के साहित्यकार शरद आलोक के सम्मान में गोष्ठी

देहरादून: नार्वे के प्रवासी साहित्यकार सुरेशचन्द्र शुक्ल  ‘शरद आलोक ‘ के सम्मान  में इन्दर रोड  में  नवोदित प्रवाह  की ओर से आयोजित गोष्ठी में कविताओं के विविध रंग बरसे।

इस अवसर पर देश  के प्रसिद्ध गीतकार डॉ. बुद्धिनाथ  मिश्र, पूर्व कुलपति  डॉ. सुधारानी पांडे और साहित्यकार रजनीश त्रिवेदी  ने शॉल ओढ़ाकर शरद आलोक का सम्मान किया। कनाडा से पधारे विद्वान डॉ. सत्येंद्र कुमार सेठी  को भी सम्मानित किया गया।

साहित्यकार सुरेश चन्द्र शुक्ल ने कहा कि  हिन्दी हमारी अस्मिता की पहचान है। नार्वे में ओस्लो स्कूलों में हिन्दी अन्तरराष्ट्रीय भाषा के रूप में स्वीकृत है और हाईस्कूल और सीनियर सेकेन्डरी में विद्यार्थी हिन्दी में परीक्षा दे सकते हैं। विदेशों में हिन्दी का भविष्य  उज्जवल है। सेठी ने भी विचार  व्यक्त किए। डॉ. सुधा रानी पांडे ने शरद आलोक के कृतित्व पर प्रकाश  डाला और अपनी कृति अमरत्व की ओर उन्हें भेंट  की।

 गीतकार डा. बुद्धिनाथ मिश्र,  डॉली डबराल, डॉ. राम विनय सिंह, रामप्रताप साकेती, दर्द गढ़वाली, शिव मोहन सिंह, चन्दन सिंह नेगी ने अपने  सुमधुर गीत-ग़जलों से कार्यक्रम को सफल बनाया। संचालन रजनीश त्रिवेदी ने किया। गोष्ठी में अन्य लोगों  के  अतिरिक्त रश्मि आलोक, कुमुद  त्रिवेदी, सुनील त्रिशु आदि उपस्थित रहे।

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