निर्दलियों की तरफ दिखा हवा का रुख
-निर्दलीय प्रत्याशी बिगाड़ सकते हैं भाजपा-कांग्रेस प्रत्याशियों का गणित, भाजपा-कांग्रेस के नेता भी जीत का करते रहे दावा

देहरादून : उत्तराखंड में छोटी सरकार को चुनने के लिए गुरुवार को मतदाताओं ने बड़ी संख्या में मताधिकार का प्रयोग किया। अंतिम फैसला तो 25 जनवरी को ही पता चलेगा, लेकिन इतना तय है कि निर्दलीय प्रत्याशी भाजपा-कांग्रेस का गणित बिगाड़ सकते हैं। नगर निगम रुड़की, श्रीनगर, ऋषिकेश समेत कई नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों में भी इस बार दिलचस्प मुकाबला देखने को मिला। राजधानी देहरादून में भी निर्दलीय प्रत्याशी हवा का रुख बदलते दिखे। मतदान खत्म होने के बाद प्रमुख दलों के नेता अपने-अपने हिसाब से जीत के दावे करते रहे।
नगर निगम रुड़की, श्रीनगर, ऋषिकेश समेत कई नगर पालिकाओं, नगर पंचायतों में भी इस बार मुकाबला दिलचस्प रहा। नगर पालिका मसूरी, नगर पालिका बाड़ाहाट उत्तरकाशी समेत कई नगर पालिकाओं में निर्दलीय प्रत्याशियों ने भाजपा-कांग्रेस के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं। तुनवाला के एक मतदान केंद्र पर वोट डालकर निकले मतदाता ने साफ कहा कि उन्होंने बदलाव के लिए वोट दिया है। एक अन्य मतदाता ने नोटा पर मुहर लगाकर सभी प्रत्याशियों को नकार दिया। उसका कहना था कि अब तक जिस भी पार्टी की सरकारें उत्तराखंड में बनी, उसने भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई का वादा तो किया, लेकिन तमाम घोटालों में नाम उछलने के बावजूद किसी मंत्री या विधायक पर कार्रवाई तो दूर मुकदमा दर्ज कराने तक की जहमत नहीं उठाई।
इसी तरह नेहरू ग्राम के एक मतदाता का कहना था कि अच्छी शिक्षा हासिल करने के बावजूद युवा नौकरी को तरस रहे हैं। इसी तरह एक अन्य मतदाता ने सड़कों की बदहाली की पीड़ा बयां की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग की सड़कें तो सरकार ने चकाचक कर दी हैं, लेकिन शहर की भीतरी सड़कें बदहाल है। कई मोहल्लों में तो सीवर के लिए खुदाई के बाद सड़कों को समतल करना तक जरूरी नहीं समझा गया।
बहरहाल, निकाय चुनाव को नजदीक से देखने वाले विशेषज्ञों की मानें तो कुमाऊं के भी कई निकायों में मुकाबला काफी रोचक होता दिखाई दे रहा है। वर्ष 2018 के चुनाव की बात करें तो 82 नगर निकायों में से 24 निकायों में निर्दलीय प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की थी। दो नगर निगमों कोटद्वार व ऋषिकेश में दूसरे नंबर पर निर्दलीय प्रत्याशी थे। 39 में से 15 नगर पालिकाओं में निर्दलीय प्रत्याशी दूसरे स्थान पर रहे थे। 38 नगर पंचायतों में से आठ में अध्यक्ष पद पर निर्दलीय प्रत्याशी दूसरे स्थान पर रहे थे। पिरान कलियर, घनसाली, महुआ डाबरा हरिपुरा, देवप्रयाग, टिहरी ऐसे निकाय थे, जिनमें भाजपा-कांग्रेस नहीं बल्कि निर्दलीय प्रत्याशियों के बीच हार-जीत हुई थी।
इस बीच, विकासनगर से विधायक रहे कांग्रेस के पूर्व कैबिनेट मंत्री नवप्रभात ने कहा कि उत्तराखंड प्रदेश में होने जा रहे निकाय चुनाव में कांग्रेस का परचम लहराएगा। हरिद्वार में शहर विधायक मदन कौशिक ने कहा कि भाजपा हरिद्वार नगर निगम में प्रचंड बहुमत के साथ बोर्ड बनाने जा रही है। ऋषिकेश में स्लो वोटिंग को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर हमला बोला। कांग्रेस नेता जयेंद्र रमोला ने कहा सरकार माहौल देखकर घबरा गई है। वहीं, गुमानीवाला मनसा देवी क्षेत्र में मतदान के लिए पहुंचे कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के सामने सामने निर्दलीय प्रत्याशियों ने जमकर नारेबाजी की। इस दौरान प्रेमचंद अग्रवाल असहज दिखे।