
देहरादून : आप सभी ने दून स्कूल का नाम सुना होगा। अधिकांश लोग ऐसे होंगे, जिन्होंने दून में रहते हुए भी इसे अंदर से नहीं देखा होगा। कैंपस में टहलना तो दूर बच्चों को इस स्कूल में दाखिला कराने का सपना भी नहीं देखा होगा। दरअसल दून स्कूल की फीस ही इतनी है कि अच्छे-खासे अमीर का ही दिमाग घूम जाए।
आइए दून स्कूल के बारे में विस्तार से जानते हैं। देहरादून में स्थित ‘द दून स्कूल’ देश के सबसे महंगे स्कूलों में से एक है। इसकी स्थापना 1935 में की गई थी। यह स्कूल ना केवल उत्तराखंड बल्कि पूरे देश में फेमस है। देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और उनके बेटे राहुल गांधी यहीं से पढ़े हैं। जानें यहां की फीस कितनी है।
देहरादून का द दून स्कूल एक बॉयज प्राइवेट बोर्डिंग स्कूल है जिसकी स्थापना कोलकाता के वकील सतीश रंजन दास ने ब्रिटिश स्कूल की तर्ज पर की थी। देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और उनके बेटे राहुल गांधी यहीं से पढ़े हैं। जानें यहां की फीस कितनी है।
इसकी स्थापना 1935 में की गई थी। यह स्कूल ना केवल उत्तराखंड बल्कि पूरे देश में फेमस है। इस स्कूल का कैंपस 70 एकड़ में फैला हुआ है।
इस बोर्डिंग स्कूल में छात्राएं नहीं पढ़ती हैं। इस पूरे स्कूल में सिर्फ 500 स्टूडेंट्स पढ़ते हैं। खासबात ये है कि छात्र और शिक्षक एक ही कैंपस में रहते हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, द दून स्कूल की फीस 11,95,000 रुपये प्रति वर्ष है। इसमें यहां की एडमिशन फीस 5,00,000 रुपये है (नॉन रिफंडेबल), सिक्योरिटी फीस 6,00,000 रुपये (रिफंडेबल) और आकस्मिक व्यय यानी इंसीडेंटल एक्सपेंस प्रति सत्र 25,000 रुपये है।
इस स्कूल में एडमिशन के लिए कठिन टेस्ट और इंटरव्यू देना पड़ता है। यहां केवल क्लास 7 और क्लास 8 में ही दाखिले होते हैं। कक्षा 7वीं के लिए जनवरी में एडमिशन होता है और 8वीं के लिए अप्रैल में।