उत्तराखंडयुवासाहित्य

राग दरबारी से दिखाया था सिस्टम को आइना

प्रसिद्ध व्यंग्यकार थे श्रीलाल शुक्ल

साहित्य जगत को राग दरबारी जैसी कालजयी कृति देने वाले साहित्यकार श्रीलाल शुक्ल की आज जयंती है। 31 दिसंबर, 1925 को लखनऊ के ही मोहनलाल गंज के पास अतरौली गाँव में हुआ था, जबकि 28 अक्टूबर 2011 को वह इस दुनिया से रुखसत हो गए। परिवार में लिखने पढ़ने की पुरानी परम्परा थी और श्रीलाल जी 13-14 साल की उम्र में ही संस्कृत और हिंदी में कविता- कहानी लिखने लगे थे। पढ़-लिखकर वो प्रांतीय सिविल सेवा, पीसीएस में अफ़सर बने और बाद में पदोन्नति पाकर आईएएस बने।

श्रीलाल जी ने सरकारी सेवा में रहते हुए भी एक लेखक का धर्म बख़ूबी निभाया. शुक्ल ने अपने उपन्यासों के माध्यम से स्वतंत्रता के बाद के युग में भारतीय समाज में गिरते नैतिक मूल्यों पर प्रकाश डाला है । उनकी रचनाएँ ग्रामीण और शहरी भारत के जीवन के नकारात्मक पहलुओं को व्यंग्यात्मक ढंग से उजागर करती हैं। उनकी सबसे प्रसिद्ध कृति राग दरबारी का अंग्रेजी और 15 भारतीय भाषाओं में अनुवाद किया गया है। इस पर आधारित एक टेलीविजन धारावाहिक 1980 के दशक में राष्ट्रीय नेटवर्क पर कई महीनों तक चलता रहा। यह अल्पज्ञात तथ्य है कि उन्होंने आदमी का ज़हर नामक एक जासूसी उपन्यास भी लिखा था जो साप्ताहिक पत्रिका ‘हिन्दुस्तान’ में क्रमबद्ध था।

शुक्ल का रचना संसार

उपन्यास

  • सूनी घाटी का सूरज  – 1957
  • अज्ञातवास  – 1962
  • राग दरबारी (उपन्यास)  – 1968 – मूल हिंदी में है; 1993 में पेंगुइन बुक्स द्वारा इसी शीर्षक के तहत एक अंग्रेजी अनुवाद प्रकाशित किया गया था ; नेशनल बुक ट्रस्ट, भारत द्वारा 15 भारतीय भाषाओं में अनुवादित और प्रकाशित भी किया गया।
  • आदमी का ज़हर  – 1972
  • सीमाएँ टूटती हैं  – 1973
  • मकान  – 1976 – मूल हिंदी में है; 1970 के दशक के अंत में एक बंगाली अनुवाद प्रकाशित हुआ था।
  • पहला पड़ाव  – 1987 – मूल हिंदी में है; 1993 में पेंगुइन इंटरनेशनल द्वारा एक अंग्रेजी अनुवाद ओपनिंग मूव्स के रूप में प्रकाशित किया गया था।
  • बिसरामपुर का संत  – 1998
  • बब्बर सिंह और उसके साथी  – 1999 – मूल हिंदी में है; स्कोलास्टिक इंक. न्यूयॉर्क द्वारा 2000 में बब्बर सिंह एंड हिज फ्रेंड्स के रूप में एक अंग्रेजी अनुवाद प्रकाशित किया गया था ।
  • राग विराग  – 2001

व्यंग्य

  • अंगद का पांव  – 1958
  • यहां से वहां  – 1970
  • मेरी श्रेष्ठ व्यंग्य रचनाएँ  – 1979
  • उमरावनगर में कुछ दिन  – 1986
  • कुछ ज़मीन में कुछ हवा में  – 1990
  • आओ बैठ लें कुछ देर  – 1995
  • अगली शताब्दी का शहर  – 1996
  • जहालत के पचास साल  – 2003
  • ख़बरों की जुगाली  – 2005

लघु कहानी संग्रह

  • ये घर मेरा नहीं  – 1979
  • सुरक्षा तथा अन्य कहानियाँ  – 1991
  • इस उमरा में  – 2003
  • दस प्रतिनिधि कहानियाँ  – 2003

संस्मरण

  • मेरे साक्षातकार  – 2002
  • कुछ साहित्य चर्चा भी  – 2008

साहित्यिक आलोचना

  • भगवती चरण वर्मा  – 1989
  • अमृतलाल नागर  – 1994
  • अज्ञेय: कुछ रंग कुछ राग  – 1999

संपादित कार्य

  • हिन्दी हास्य व्यंग्य संकलन  – 2000

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